अन्ना हजारे ने इन सामाजिक आंदोलनों के जरिए किये बड़े बदलाव

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अन्ना हजारे ने इन सामाजिक आंदोलनों के जरिए किये बड़े बदलाव

अन्ना हजारे को एक समाज सेवक के तौर पर जाने जाते हैं। उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों को उठा कर पूरे देश में अपनी पहचान बनाई। आज उनका 82वां जन्मदिन है। हालांकि उनका मानना है कि जन्मदिन मनाने से उम्र कम होती है

अन्ना हजारे का असली नाम किसान बाबूराव हजारे है। उनका जन्म 15 जून 1937 में हुआ था। उन्हें अपने सामाजिक कार्यों और ‘रालेगन सिद्धी’ नामक गांव के विकास के लिए जाना जाता है। भारतीय सेना में काम कर चुके अन्ना हजारे ने 2011 के भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।


अन्ना हजारे के मुख्य आंदोलन

रालेगन सिद्धि गांव का विकास (Transformation of Ralegan Sidhhi): 1960 से 1975 तक वह सेना में एक ट्रक चालक के तौर पर कार्यरत रहे। इसके बाद अन्ना समाज सेवा में लग गए उन्होंने अपने मूल गांव रालेगन सिद्धि के से गरीबी, पानी की समस्याओं, शराब और कई मुद्दों पर काम कर गांव का विकास किया। गांव के पुनर्निर्माण के लिए उन्होंने ‘तरुण मंडल‘ या ‘युवा संघ’ का आयोजन किया और गांव की समस्याओं पर काम किया।

भ्रष्टाचार विरोधी जान आंदोलन (Anti-corruption protests in Maharashtra): अन्ना हजारे ने वर्ष 1991 में ‘भ्रष्टाचार विरोधी जान आंदोलन’ किया। इस आंदोलन में उन्होंने 40 वन अधकारियों और लकड़ी व्यापारियों के खिलाफ जनआंदोलन किया। इस आंदोलन के फलस्वरूप अधिकारीयों का स्थानांतरण और निलंबन किया गया।

सूचना का अधिकार आंदोलन (Right to Information Movement) : 2000 में अन्ना ने महाराष्ट्र में ही एक आंदोलन का नेतृत्व किया। इसके बाद राज्य सरकार ने एक संशोधित अधिनियम ‘सूचना का अधिकार’ लागू किया। वर्ष 2005 में इस अधिनियम को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और केंद्र सरकार द्वारा भी इसे स्वीकार लिया गया।


लोकपाल बिल आंदोलन (Lokpal Bill Movement): वर्ष 2011 में अन्ना ने भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल विधेयक के लिए सत्याग्रह आंदोलन किया। 5 अप्रैल 2011 को अन्ना ने दिल्ली के जंतर- मंतर पर अनिश्चित भूख हड़ताल की और इस विधेयक को पास करने की मांग की। इस आंदोलन को पूरे भारत के शहर के लोगों से बहुत समर्थन मिला। 8 अप्रैल 2011 को आंदोलन की मांग स्वीकार कर ली गई थी।

अन्ना हजारे को 1990 में ‘पद्म श्री’ सम्मानित किया गया। इसके बाद वर्ष 1992 में उन्हें ‘पद्म भूषण’ से भी नवाजा जा चुका है। 2011 में ‘फोरिन पॉलिसी मैगज़ीन’ (Foreign Policy Magazine) ने अन्ना को ‘100 वैश्विक विचारकों’ के बीच नामित किया। इसके अलावा 2011 में अन्ना हजारे को राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र ने मुंबई में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति का दर्जा दिया।

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