जयंती विशेष: सुरों के सरताज थे आरडी बर्मन, ये हैं उनके कुछ सदाबहार नगमें

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हिंदी सिनेमा के ‘पंचम दा’ उर्फ़ आरडी बर्मन वो संगीतकार थे, जिन्होंने अपनी धुनों से भारतीय संगीत को नई उचाईयों पर पहुंचाया। 1960 के दशक से 1990 के दशक तक उन्होंने इंडस्ट्री पर राज किया। आज उनकी जयंती है।

बॉलीवुड के सबसे सफल कंपोजर आरडी बर्मन का जन्म 27 जून 1939 को कोलकाता में हुआ था। उनका पूरा नाम राहुल देव बर्मन था लेकिन उन्हें प्यार से ‘पंचम दा’ कहा जाता है। वह अपने संगीत से एक गाने को इतना खूबसूरत बना देते थे कि आज भी उनके गाने उतने ही पसंद किये जाते हैं। वह अपने संगीत के साथ- साथ अपनी आवाज के लिए भी मशहूर थे। आशा भोंसले और किशोर कुमार के साथ उनकी जोड़ी ने म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज किया। उन्होंने अपने करियर में 331 फिल्‍मों में संगीत दिया। 4 जनवरी 1994 को इस महान कलाकार ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।


पंचम दा ने हिंदी सिनेमा को कई ऐसे गाने दिए, जिन्होंने हिंदी संगीत हो नए आयाम पर पहुंचाया। पहले के लोग हों या आज की युवा पीढ़ी उनके गानों को सभी बहुत पसंद करते हैं। वैसे तो उनके बेहतरीन गानों की लिस्ट खत्म नहीं होने वाली है, लेकिन इस जयंती आइये जानते हैं उनके कुछ सदाबहार नगमों के बारे में।

आरडी बर्मन के सदाबहार नगमें

ये शाम मस्तानी (कटी पतंग- 1970)


यह गाना पंचम दा के सबसे यादगार गानों में से एक है। इसे जितनी बार सुना जाए ये गाना उतना ही ज्यादा अच्छा लगता है। वर्ष 1970 में आयी ‘कटी पतंग’ का यह गाना राजेश खन्ना और आशा पारेख पर फिल्माया गया था। पंचम दा का म्यूजिक राजेश खन्ना और आशा पारेख की केमिस्ट्री और किशोर कुमार की आवाज ने इस गाने को सदाबहार बना दिया।

ज़िंदगी के सफर में (आप की कसम- 1974)

बर्मन के सर्वश्रेष्ठ गानों में से एक यह गाना ज़िंदगी की खूबसूरती को बयां करता है। इस गाने के गीत मशहूर गीतकार आनंद बख्शी ने लिखे और इसे किशोर कुमार ने गाया। इस गाने को राजेश कुमार पर फिल्माया गया।

तेरे बीना ज़िंदगी (आंधी – 1975)

इस गाने में पंचम दा के बेहतरीन म्यूजिक के साथ किशोर कुमार और लता मंगेशकर की मधुर आवाज थी। संजीव कुमार और सुचित्रा सेन की दमदार एक्टिंग ने गाने को और खूबसूरत बना दिया था।

दम मारो दम (हरे कृष्ण हरे राम- 1971)

यह गाना पंचम दा के करियर के सबसे बेहतरीन गानों में से एक है। इस गाने को ज़ीनत अमान पर फिल्माया गया यह गाना उस समय का सबसे पॉपुलर सॉन्ग था। इस गाने का रीमेक भी बना, जिसमें दीपिका पादुकोण नजर आयीं। ओरिजिनल गाने को आशा भोंसले ने गाया था।

बाहों में चले आओ (अनामिका – 1973)

आरडी बर्मन के सदाबहार गीतों की बात हो और इस गीत का जिक्र न हो। यह गाना हिंदी गानों के सबसे यादगार गानों में से एक है। इस गाने को बर्मन के संगीत और लता मंगेशकर की आवाज ने अमर बना दिया। गाने को जया भादुड़ी और संजीव कुमार पर फिल्माया गया था।

तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी (मासूम- 1983)

इस गाने को पंचम दा के ही नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा के सबसे खूबसूरत गानों में से एक माना जा सकता है। यह गाना एक पिता और बेटे की कहानी पर आधारित है। इस गाने के बोल मशहूर गीतकार गुलज़ार ने लिखे और अनूप घोषाल ने गाया।

चुरा लिया है तुमसे जो दिल को (यादों की बारात – 1992)

आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी की आवाज में यह गाना पंचम दा के करियर के सबसे बेहतरीन गानों में से एक है, जिसे आज भी उतना ही पसंद किया जाता है। इस गाने को ज़ीनत अमान पर फिल्माया गया था।

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