जानें शोक दिवस को गुड फ्राइडे क्यों कहा जाता है और ईस्टर क्या है?

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जानें शोक दिवस को गुड फ्राइडे क्यों कहा जाता है और ईस्टर क्या है?

ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे का विशेष महत्‍व है। माना जाता है कि इसी दिन ईसाइयों के आराध्‍य प्रभु यीशु ने मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। गुड फ्राइडे हर साल अप्रैल या मई महीने में मनाया जाता है। इस साल गुड फ्राइडे 19 अप्रैल यानि कल मनाया जाएगा। गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था। उनपर आरोप लगाए गए थे कि वह पाखंड कर रहे हैं और खुद को ईश्वर का पुत्र बता रहे हैं।

क्‍या है गुड फ्राइडे?

गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्‍लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार यीशु का कोई दोष नहीं था फिर भी उन्‍हें क्रॉस पर लटका कर मारने का दंड दिया गया। अपने हत्‍यारों की उपेक्षा करने के बजाए यीशु ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा था, ‘हे ईश्‍वर! इन्‍हें क्षमा कर क्‍योंकि ये नहीं जानते कि ये क्‍या कर रहे हैं।’ जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था उस दिन फ्राइडे यानी कि शुक्रवार था। तब से उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है।


गुड फ्राइडे एक शौक दिवस होता है लेकिन क्योंकि इस दिन ईसा मसीह की कुर्बानी हुई थी और उनका बलिदान परोपकार और लोगों की भलाई के लिए हुआ था इस कारण इसे “गुड” फ्राइडे कहकर संबोधित किया जाता है।

आज कई गिरजाघरों में रात भर प्रार्थना होती है। अगले दिन शुक्रवार को प्रभु यीशू के सूली पर चढ़ाए जाने का दिन ‘गुड फ्राइडे’ पाकीजगी और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। कई जगह इसे ब्लैक डे और ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि प्रभु यीशु की मृत्यु के बाद उन्होंने दोबारा जन्म लिया था जिस कारण से इस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है। गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च में घंटे नहीं बजाते है बल्कि इस दिन विशेष प्रार्थना की जाती है और लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है।

ईसा मसीह को क्रॉस पर क्‍यों लटकाया गया?

ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह परमेश्वर के पुत्र थे। उन्‍हें मृत्‍यु दंड इसलिए दिया गया था क्‍योंकि वो अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए लोगों को शिक्षित और जागरुक कर रहे थे। उस वक्‍त यहूदियों के कट्टरपंथी रब्‍बियों यानी कि धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया। कट्टरपंथियों ने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस से यीशु की शिकायत कर दी। रोमन हमेशा इस बात से डरते थे कि कहीं यहूदी क्रांति न कर दें। ऐसे में कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया।


मौत से पहले यीशु को ढेरों यातनाएं दी गईं। उनके सिर पर कांटों का ताज रखा गया। इसके बाद यीशु को गोल गोथा नाम की जगह ले जाकर सलीब पर चढ़ा दिया गया। प्राण त्‍यागने से पहले यीशु ने कहा था, ‘हे ईश्‍वर! मैं अपनी आत्‍मा को तेरे हाथों में सौंपत हूं’।

गुड फ्राइडे के तीसरे दिन प्रभु यीशू के जी उठने पर ईस्टर मनाया जाता है। ईस्टर मून फेज के आधार पर मनाया जाता है जो क्रिश्यन चर्च द्वारा स्थापित किया गया है। फुल मून के बाद पहले संडे को ईस्टर मनाया जाता है। इस दिन लोग चर्च में मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु में अपने विश्वास प्रकट करते हैं। यही नहीं इस दिन घर पर मोमबत्तियां सजाते हैं और दोस्तों में इन्हें बांटते भी हैं।

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