पुण्यतिथि विशेष: गांधी जी के गुरु थे गोपाल कृष्ण गोखले, जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

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Birth Anniversary: गांधी जी के गुरु थे गोपाल कृष्ण गोखले, जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

Gopal Krishna Gokhale Death Anniversary: गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले गोपाल कृष्ण गोखले एक बेहद मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी थे। गांधी जी के गुरु के रूप में गोखले ने ही उन्हें आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा दी थी।

भारत के इस महान स्वतंत्रता सेनानी का जन्म 9 मई 1866 को बॉम्बे प्रेसीडेंसी के रत्‍नागिरी जिले में हुआ था। परिवार की स्थिति खराब होने के कारण गोखले को जीवन में कई संघर्ष करने पड़े। पढ़ाई के लिए पैसो की कमी और खराब रहन- सहन के बावजूद गोखले एक कामयाब इंसान बनें। अपने संघर्ष और भाई व परिवार के सहयोग से वह इतिहास का एक बड़ा नाम बन गए। आइए आपको बताते हैं गोपाल कृष्ण गोखले से जुड़ी कुछ खास बातें।


गोपाल कृष्ण गोखले के जीवन से जुड़ी खास बातें

1. परिवार की माली स्थिति खराब होने के बावजूद गोखले ने पूरे मन से पढ़ाई की। अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें सरकार की तरफ से 20 रुपये की छात्रवृत्ति (Scholarship) मिलती थी।

2. पैसों की कमी की चलते जब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना भी मुश्किल हो गया, तो गोखले ने यह‍ बात अपने भाई को बताई, जो उम्र में उनसे कुछ ही वर्ष बड़े थे। बात जान कर बड़े भाई ने गोखले की पढ़ाई को जारी रखने के लिए अपनी पढ़ाई और करियर बलिदान कर दिया। अपने भाई इस बलिदान को गोखले ने उम्र भर याद रखा।


3. गोपाल कृष्‍ण गोखले हमेशा से एक प्रयत्नशील व्यक्ति थे। स्कूल के दिनों से ही उनकी याद्दाश्त काफी मजबूत थी। गोखले को अपनी स्‍मरण शक्ति पर इतना ज्‍यादा भरोसा था कि वह अपनी क्‍लास के बच्‍चों के साथ एक गेम खेला करते थे, जिसमें वह अपनी कक्षा के बच्चों को अपनी नोटबुक देकर, बिना देखे पूरा पाठ सुनाने की बात करते थे। ऐसा न करने पर शर्त के अनुसार गोखले को 1 आना देना होता था, लेकिन कभी कक्षा के बच्चे गोखले से नहीं जीत पाए।

4. उनका मानना था कि स्‍वतंत्र और आत्‍मनिर्भर बनने के लिए शिक्षा और जिम्‍मेदारियों का ज्ञान जरूरी है।

5. कहा जाता है कि एक बार स्‍कूल के दौरान गणित की क्‍लास में अध्यापक ने सभी से अल्जेब्रा का एक कठिन सवाल पूछा। अगले दिन क्‍लास में कोई उस सवाल का सही सही जवाब नहीं दे पाया, सिर्फ गोखले ने उसक सही जवाब दिया। जब अध्यापक ने इस बात की प्रशंसा की तो गोखले रोने लगे थे।

5. गोखले का शुरू से ही शिक्षा के प्रति झुकाव था। इसी के चलते उन्‍होंने भारतीय शिक्षा को विस्‍तार देने के लिए सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी (Servants of Indian Society) की स्‍थापना की थी।

6. उन्होंने कॉलेज के दौरान शिक्षा के साथ ही स्वतंत्रता के लिए राजनीतिक गतिविधियां भी चलाई।

7. इसके बाद वह भारतीय राष्‍ट्रीय क्रांगेस के जाने-माने चेहरे बने। उन्होंने लगातार ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध किया। गोखले ने अंग्रेजों के अत्‍याचार पर भारतीयों से कड़े शब्‍दों में उन्‍होंने कहा था, ‘तुम्‍हें धिक्‍कार है, जो अपनी मां-बहन पर हो रहे अत्‍याचार को चुप्‍पी साधकर देख रहे हो। इतना तो पशु भी नहीं सहते है।’

8. अपनी प्रतिभा और राजनीती की महान समझ के चलते गोखले आगे चल कर जननेता के रूप में उभरे। गोखले ने अपने जीवन में स्वतंत्रता के साथ- साथ जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ भी आंदोलन चलाया था।

9. गोपाल कृष्‍ण गोखले गांधी जी के गुरु थे। इस बात का जिक्र खुद गांधी जी ने अपनी आत्मकथा में किया था। 1912 में गांधी जी के आमंत्रण पर गोखले दक्षिण अफ्रीका गए और वहां जारी रंगभेद का विरोध किया।

10. भारत के इस महान स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ का  19 फरवरी 1915 को निधन हो गया ।


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