Bihar Regiment: भारतीय सेना के जाबांज सिपाहियों की वो रेजिमेंट जिसने हमेशा लहू से लिखी है वीरगाथा

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Indian army personnel injured in Pak's ceasefire violation

Bihar Regiment: भारत-चीन बॉर्डर पर तैनात की गई बिहार रेजिमेंट के जवानों ने अदम्य साहस दिखाते हुए चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया। हालांकि इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हुए लेकिन हमारे इन्हीं सैनिकों ने मरते दम तक निहत्थे होने के बावजूद चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया।

सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) जैसा मुश्किल मिशन हो या कारगिर युद्ध (Kargil War) में विजय की कहानी लिखनी हो, बिहार रेजिमेंट की ऐसी सभी लड़ाइयों में विशेष भूमिका रही है। बिहार रेजिमेंट की अलग ही खासियत है। इस रेजिमेंट  ने हर जगह अपने अदम्य साहस का परिचय दिया और प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की।


ऐसा नहीं है कि बिहार नाम होने से इसमें सिर्फ बिहार के जवान चुने जाते हैं, इस रेजिमेंट का सिर्फ नाम ही बिहार रेजिमेंट हैं। ऐसा कहा जाता है कि बिहार रेजिमेंट (Bihar Regiment) के जवान बहादुर होते हैं और वो किसी भी स्थिति में रह पाने के लायक होते हैं। यही वजह है कि इनकी दुर्गम और जटिल परिस्थितियों में तैनाती की जाती है।

बिहार रेजिमेंट को हमेशा से भारतीय सेना का एक मजबूत अंग माना जाता है। गलवन और इस तरह की कुछ अन्य दुर्गम घाटी वाले इलाके में इस रेजिमेंट के जवान तैनात हैं। बिहार रेजिमेंट को अपने गठन से लेकर अब तक के इतिहास कई शौर्य गथाएं लिखी है। देश पर जब भी कोई संकट आया हो तब-तब बिहार रेजिमेंट के सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

बात चाहे पाकिस्तान (Pakistan) के साथ 1965 – 1971 की लड़ाई से लेकर करगिल युद्ध तक की करे हर जगह इस रेजिमेंट के सैनिकों ने शौर्य दिखाया है।बिहार रेजिमेंट का सेंटर दानापुर में है़ यह छावनी क्षेत्र को देश के सबसे बड़े कैंटोनमेंट में शामिल है। जम्मू कश्मीर में उरी पर हुए आतंकी हमले में शहीद होने वाले 17 जवान में 15 बिहार रेजिमेंट से ही ताल्लुक रखते थे।


बिहार रेजिमेंट को बहादुरी और उत्कृष्ट सेवा के लिये 350 से अधिक मेडल का सम्मान हासिल कर चुके हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के शांति काल में सर्वोच्च बहादुरी के लिये तीन अशोक चक्र, हासिल हैं। इसके अलावा 15 वीर चक्र, 41 शौर्य चक्र, 14 कीर्ति चक्र, आठ अति विशिष्ट सेवा मेडल, पांच युद्ध सेवा मेडल, 31 विशिष्ट सेवा मेडल, तीन जीवन रक्षक मेडल, 153 सेवा मेडल आदि शामिल हैं।

बिहार रेजिमेंट स्लोगन : कर्म ही धर्म है

देश को जब-जब जरूरत पड़ी इस रेजिमेंट के जांबाज जवान वहां खड़े दिखे। कर्म ही धर्म है के स्लोगन के साथ बिहार रेजिमेंट के गठन का श्रेय भले ही अंग्रेजी हुकूमत को जाता है, लेकिन इसने देशभक्ति के जो उदाहरण पेश किए हैं, वे इतिहास में दर्ज हैं। इस रेजिमेंट के जवानों की वीरगाथा वाकई प्रशसंनीय है।

Bihar Regiment:  रेजिमेंट का वाक्य 

जय बजरंगबली (Jai Bagrang Bali) व बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जय (Jai) की हुंकार इस रेजिमेंट (Regiment) का वाक्य है। इस वाक्य को कहते हुए रेजिमेंट के जवान एक साथ जोशीले अंदाज में कदम मिलाते हुए दुश्मन के हर हमले का वाजिब जवाब देने के लिए तैयार रहते है।

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