Hypoxia: जानिए क्या है हाइपोक्सिया? जिसे माना जा रहा है कोरोना मरीजों की मौत का प्रमुख कारण

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Know what is hypoxia

Hypoxia: भारत में कोरोना का प्रकोप पड़ी तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में करीब 84 हजार कोविड- 19 के नये केस सामने आए हैं। जो कि एक दिन में दुनियाभर में कोरोना का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके साथ ही भारत में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़कर 38 लाख के पार कर गई है।

इसी के साथ देश में अभी तक 29,70,492 मरीजों के ठीक होने से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 77 प्रतिशत के पार पहुंच गई। इस बीच कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एक ओर नई समस्या आकर खड़ी हो गई है। जिससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि इसी कारण से कोरोना से अधिक लोगों की मौत हो रही है।


एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत (India) में स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) कोरोना वायरस (Coronavirus) से हो रही मौतों की एक अलग एंगल से जांच कर रहा है। जिसमें बताया जा रहा है कि उसका नाम हाइपोक्सिया (Hypoxia) है।

यहां जानें क्या है हाइपोक्सिया (Hypoxia)

हाइपोक्सिया में शरीर या शरीर के किसी खास हिस्से को जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। AIIMS के एक डॉक्टर के अनुसार, इसमें मरीजों को अपनी स्थिति के बारे में पता ही नहीं चलता है और जब तक पता लगता है तबतक काफी देर हो चुकी होती है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना से मरने वाले अधिकांश रोगियों में ऐसी स्थिति देखी गई है।

देश में कोरोना की स्थिति

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के हिसाब से देश में कोविड-19 के मामले बढ़कर 38,53,406 हो गए हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान देश में 1,043 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 67,376 हो गई। वहीं मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 77.09 प्रतिशत हो गई है और मृत्यु दर गिरकर 1.75 प्रतिशत हो गई।


फिलहाल देश में अभी 8,15,538 मरीजों का कोरोना वायरस (Coroanvirus) का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 21.16 प्रतिशत है। देश में सात अगस्त को कोविड-19 के मामले 20 लाख के पार चले गए थे, जबकि 23 अगस्त को 30 लाख का आंकड़ा पार किया था।

आईसीएमआर के अनुसार के अनुसार देश में दो सितम्बर तक कुल 4,55,09,380 नमूनों की कोविड-19 की जांच की गई, जिनमें से 11,72,179 नमूनों की जांच बुधवार को ही की गई। आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में जिल 1,043 लोगों की मौत हुई, उनमें से सबसे अधिक 292 लोग महाराष्ट्र के थे।

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