Janmashtami Date 2020: इस बार जन्माष्टमी इसी महीने यानि अगस्त में मनाई जाएगी। लेकिन एक सवाल सभी के मन में है कि आखिर जन्माष्टमी कब है। ये सवाल हर साल की तरह इस बार भी लोग इंटरनेट पर खूब सर्च कर रहे हैं। हालांकि इस कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मंदिरो में पहले जैसी रौनक नहीं दिखाई देगी।
ऐसे में ज्यादातर लोग घरों में खास अंदाज में कृष्ष जन्मोत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल कृष्ण जन्म को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को जहां साधु-संत अपने तरीके मनाते हैं तो आम जनता इसको दूसरी तरह से मनाती है। इस दिन देश में जगह-जगह पर झांकिया सजाई जाती हैं तो महाराष्ट्र में दही-हांडी के खेल का आयोजन किया जाता है।
अगर आप के मन में भी यहीं दुविधा है कि हमें किस दिन जन्माष्टमी मनानी चाहिए तो चलिए आपकी इस समस्या को सुलझा देते है। आपको बता दें कि मथुरा में ब्रज सहित समूचे देश और विदेश में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 12 अगस्त को मनाया जाएगा। वहीं नन्दगांव में एक दिन पूर्व इसका आयोजन किया जाएगा जहां पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का बचपन व्यतीत हुआ था।
ब्रज के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (janmashtami) का पर्व धूमधाम से मनाए जाने के बावजूद कोरोना की वजह से इस बार सार्वजनिक रूप नहीं दिया जाएगा और न ही मंदिरों में भक्तों को विशेष प्रसाद का वितरण किया जाएगा। नन्दगांव में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही ‘खुशी के लड्डू’ बांटे जाने की परम्परा भी नहीं निभाई जाएगी।’
श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को पूरे देश में एक साथ बड़ी धूमधाम और उमंग के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। लेकिन कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों एक ही दिन नहीं होते।
इस बार भी कृष्ण जन्म की तिथि और नक्षत्र एक साथ नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 07 मिनट के बाद अष्टमी तिथि का आरंभ हो जाएगी, जो 12 अगस्त को 11 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। वहीं रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 13 अगस्त को सुबह 03 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।