देश का पहला जिला बना कोंडागांव, जहां नवजात बच्चों को मिला जाति प्रमाण पत्र

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बच्चों के भविष्य को सरल और सहज बनाने की पहल करते हुए छत्तीसगढ़ में नए पीसीसी अध्यक्ष और क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम ने अपने पहले ही प्रवास में कोंडागांव के 7 नवजात शिशुओं को जाति प्रमाण पत्र देकर जिले को पूरे देश में पहला स्थान दिलाया है। आपको बता दें कि अब अस्पताल में पैदा होने वाले बच्चों को भविष्य में अपने जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए यहां-वहां भटकना नहीं पड़ेगा।

 मुख्यमंत्री ने की थी योजना की घोषणा

गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवजात शिशु जाति प्रमाण पत्र वितरण योजना शुरू करने की घोषणा की थी। वहीं पहली बार अपने क्षेत्र कोंडागांव पहुंचे विधायक और पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जिला अस्पताल पहुंचकर योजना की शुरुआत करते हुए 7 शिशुओं को जाति प्रमाण पत्र दिया। पीसीसी अध्यक्ष के प्रमाण पत्र देते ही कोंडागांव नवजात शिशुओं को जाति प्रमाण पत्र देने वाला प्रदेश और देश का पहला जिला बन गया है। एसडीएम टेकचंद अग्रवाल ने कहा कि अब भविष्य में लोगों को अपने बच्चों के जाति प्रमाण पत्र के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।


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उन्होंने कहा कि अभी तक लोगों को अपने बच्चों की जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए महीनों अधिकारियों और कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। एसडीएम टेकचंद अग्रवाल ने कहा कि जिसके परिवार में जाति प्रमाण पत्र नहीं बना है, उनके लिए परेशानी का सबब था।

अब इस योजना के तहत अस्पताल में जन्मे नवजात शिशु को उसके पिता के जाति के आधार पर ही स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनाकर दिया जाएगा। 28 जून, 1 जुलाई और 2 जुलाई को जिला अस्पताल में जन्म लिए नवजात शिशुओं को पीसीसी अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक मोहन मरकाम ने स्थायी जाति प्रमाण पत्र दिया है। इधर, अपने बच्चे का जाति प्रमाण पत्र मिलने पर विनीता देवांगन ने कहा कि योजना बहुत अच्छी है।


बता दें कि प्रदेश सरकार ने नवजात शिशु जाति प्रमाण पत्र वितरण योजना शुरू कर बच्चों के भविष्य को सरल और सहज बनाने की पहल की है। अब जरूरत है इस योजना की सही मॉनिटरिंग की।

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