नई दिल्ली। कोरोना संकट काल में देश के किसानों, मजदूरों,शहरी गरीबों और रेहड़ी पटरी पर दुकान करने वालों की आर्थिक मदद के लिए सरकार ने गुरूवार को कुछ बड़े एलान किए। कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों और श्रमिकों के लिए उपायों की घोषणा की।
1. वित्तमंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी धारक किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के लिए किफायती दर पर कर्ज की सुविधा दिलाने के लिए दो लाख करोड़ रुपये के प्रावधान का एलान किया। इससे 2.5 करोड़ लोगों को कर्ज प्रदान किया जाएगा।
2. छोटे जोत के किसान व सीमात किसानों की आर्थिक सहायता के लिए सरकार ने नाबार्ड के माध्यम से 30,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त फंड की व्यवस्था की जोकि इस साल के लिए तय 90,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है।
3. कंपन्सेंटरी एफोरेस्टरी मैनेंजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी यानी कैंपा फंड का प्रयोग करके रोजगार के लिए 6000 करोड़ का प्रावधान।
4. प्रवासी श्रमिकों व शहरी गरीबों के लिए किफायती दर पर किराये के आवास की योजना।
5. तकरीबन 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स यानी रेहरी पटरीवालों को पूंजीगत कर्ज मुहैया करवाने के लिए 5000 करोड़ रुपए का प्रावधान।
6. मुद्रा शिशु लोन के लिए 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान, जिसमें भारत सरकार 12 महीने की अवधि के लिए शीघ्र भुगतान करने पर दो फीसदी का ब्याज उपदान प्रदान करेगी।
7. फंसे हुए प्रवासियों के लिए दो महीने तक नि:शुल्क अनाज वितरण।
हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 6-18 लाख रुपये सालाना आय वर्ग के लोगों के लिए आवास ऋण अनुदान योजना की अवधि 31 मार्च 2021 तक बढाई जाएगी।