कोरोनाकाल में भी बड़े वर्ग की आय प्रभावित नहीं हुई : सर्वे

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गुरुग्राम, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। कोरोना महामारी के दौर में आय में कमी होने की वजह से ज्यादातर लोगों की आय प्रभावित हुई जिससे उनकी पुनर्भुगतान क्षमता एवं ईएमआई भुगतान क्षमता पर असर पड़ा। लेकिन जिन लोगों ने मोराटोरियम लिया था, उनमें से एक बड़े वर्ग की आय प्रभावित नहीं हुई और उनके पास पुनर्भुगतान क्षमता है। एक सर्वे से इस बात जानकारी मिली है।

सर्वे में 23 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने मोराटोरियम का लाभ उठाया है, और साथ ही इस अवधि के दौरान उनकी आय में कोई कमी नहीं आई।


सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, नौकरीपेशा उपभोक्ताओं में से जिन्होंने मोराटोरियम लिया, उनमें से एक तिहाई (34 फीसदी) से अधिक लोगों के वेतन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। मोराटोरियम लेने के पीछे एक प्राथमिक कारण उनकी नौकरी खोने का डर हो सकता है। भविष्य में वेतन में महत्वपूर्ण कटौती या मोराटोरियम के दौरान भी ब्याज देने के नियम का ना पता होना भी हो सकता है।

एक और बड़ा कारक यह था कि जिन उपभोक्ताओं ने मोराटोरियम का लाभ उठाया था, उनमें से 40 फीसदी ने कहा कि वे इस महीने से अपनी ईएमआई का पूरा भुगतान कर सकते हैं।

अब जब लोन के लिए मोराटोरियम पीरियड खत्म हो चुका है, कंज्यूमर सर्वे डील विद डैट : हाउ इंडिया प्लान्स टू पे ईएमआई के आधार पर बनी रिपोर्ट, वर्तमान में ग्राहकों की आय और पुनर्भुगतानक्षमता पर कोरोनोवायरस महामारी का प्रभाव दिखाती है।


यह सर्वे 1 लाख रुपये या अधिक के लोन वाले 35 से ज्यादा शहरों के 24 वर्ष से 57 वर्ष के बीच के लोगों के बीच किया गया और पैसाबाजार डॉट कॉम के 8500 से अधिक उपभोक्ताओं ने इसमें भाग लिया।

सर्वे में भाग लेने वाले आधे से अधिक ग्राहकों ने कहा कि वे लोन रिस्ट्रक्च र प्लान के लिए अपने बैंक/ लोन संस्थान से संपर्क करना चाहेंगे। जिन लोगों ने मोराटोरियम लिया था, उनमें से 70 फीसदी ने कहा कि वे लोन रिस्ट्रक्च र प्लान के लिए आवेदन करेंगे।

पैसाबाजार डॉट कॉम के सीईओ और को-फाउंडर नवीन कुकरेजा ने कहा, “अगर अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है और आय लगातार बढ़ने लगी है, तो हम 7-9 महीनों में लोन सप्लाई को कोविड के पहले के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद कर सकते हैं। अर्थव्यवस्था अपने पैरों पर वापस खड़े होने से, महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र जैसे, यात्रा, एविएशन, हॉस्पिटैलिटी इत्यादि को लोन संस्थानों द्वारा फिर से तरजीह दी जाने लगेगी।”

सर्वे के अनुसार, मोराटोरियम लेने वालों का सबसे अधिक प्रतिशत मुंबई में था, यहां के 65 फीसदी ग्राहकों ने कहा कि उन्होंने मोराटोरियम लिया था।

सर्वे में यह भी पता चला कि 50 वर्ष या उस से ज्यादा उम्र वाले ग्राहक कम उम्र के ग्राहकों की तुलना में आर्थिक रूप से अधिक स्थिर थे। वृद्ध उपभोक्ताओं में मोराटोरियम लेने वालों का अनुपात कम था और ज्यादा ईएमआई होने के बावजूद सबसे अच्छी भुगतान क्षमता थी।

–आईएएनएस

जेएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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