कश्मीर घाटी में प्रदर्शन के बीच राज्यपाल बोले, दुष्कर्मी को मिले कड़ी सजा

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 श्रीनगर, 13 मई (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के बांदीपोरा जिले में तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के खिलाफ सोमवार को समूची घाटी में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन, व्यावसायिक प्रतिष्ठान व शैक्षिक संस्थान बंद रहने के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि दुष्कर्मी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

 राजभवन से जारी बयान में कहा गया, “बांदीपोरा की तीन साल की बच्ची के साथ हुई अत्यंत जघन्य घटना पर राज्यपाल ने गहरा क्षोभ और दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक एस.पी. पाणि से बात की और उन्हें इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करने और इस शर्मानाक वारदात के लिए दोषी को कड़ी सजा मिलना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।”


राज्यपाल ने विभिन्न संप्रदायों के धार्मिक नेताओं से इस शर्मनाक घटना की निंदा करने और लोगों से शांति बनाए रखने तथा असामाजिक तत्वों को समाज में शांति व सौहार्द न बिगाड़ने देने की अपील की।

पुलिस ने सोमवार को एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया जिसने दुष्कर्म के आरोपी ताहिर अहमद मीर के लिए अवयस्क प्रमाणपत्र जारी किया था। ताहिर को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस ने कहा कि मीर के पिता ने बयान दिया है कि उसका बेटा 20 साल का है।


पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि मामले की त्वरित जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

बांदीपोरा, सोपोर, बडगाम और बारामूला शहर में बाजार बंद रहे, लेकिन धार्मिक संगठन इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन द्वारा बुलाए गए बंद का श्रीनगर शहर पर आंशिक प्रभाव पड़ा।

पिछले हफ्ते तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को मौत की सजा दिलाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोग राज्य की राजधानी और अन्य जगहों पर सड़कों पर उतर आए।

कश्मीर विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय और इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों ने भी कक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया।

उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्य भी पीड़ित के प्रति एकजुटता की भावना दिखाते हुए अदालतों से दूर रहे।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती व अलगाववादी नेताओं के साथ-साथ कई सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों ने भी घटना के प्रति रोष जताया है।

महबूबा ने कहा कि ऐसे घिनौने जुर्म के गुनहगार को मुस्लिम शरिया कानून की बिनाह पर पत्थरों से मार-मार कर सजा-ए-मौत दी जानी चाहिए।

वरिष्ठ अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने लोगों से सामंजस्य बनाए रखने और बदमाशों को सांप्रदायिक झगड़े का रूप देने से रोकना सुनिश्चित करने की अपील की।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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