कश्मीर के दैनिक अखबारों ने अपना मुखपृष्ठ खाली छोड़ा

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कश्मीर के दैनिक अखबारों ने अपना मुखपृष्ठ खाली छोड़ा

 श्रीनगर | कश्मीर एडिटर्स गिल्ड के सदस्य कश्मीर घाटी के सभी 16 अंग्रेजी व उर्दू के अखबारों ने रविवार को अपना मुखपृष्ठ खाली छोड़ा।

समाचार पत्रों ने जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा दो प्रमुख दैनिक अखबारों को विज्ञापन देने से इनकार किए जाने के खिलाफ विरोध प्रकट करते हुए यह कदम उठाया। सरकारी विज्ञापन मिलना बंद होने के बाद अंग्रेजी भाषा के समाचार पत्र ‘ग्रेटर कश्मीर’ और ‘कश्मीर रीडर’ के प्रबंधन ने मुखपृष्ठ खाली छोड़ा।


एकजुटता व्यक्त करते हुए अन्य समाचार पत्रों ने भी मुखपृष्ठ खाली छोड़ने का फैसला किया।

‘ग्रेटर कश्मीर’ समूह के मार्केटिंग मैनेजर अब्दुल राशिद मकदूमी ने आईएएनएस को बताया कि एडिटर्स गिल्ड के सदस्य सभी 16 अंग्रेजी व उर्दू के समाचार पत्रों ने अपना मुखपृष्ठ खाली छोड़ा।

कश्मीर एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि उसने राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए यह फैसला लिया।


दोनों दैनिक समाचार पत्रों के प्रबंधन ने कहा कि उन्हें मिलने वाले सरकार विज्ञापन पिछले महीने बिना किसी कारण के बंद कर दिए गए।

गिल्ड के एक सदस्य ने कहा, “हमें सरकार के इस फैसले की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा किए गए एक ट्वीट से मिली।”

अब्दुल्ला ने 22 फरवरी को ट्वीट कर कहा था, “संदेशवाहक को दबाने के एक क्लासिक मामले में राज्य सरकार ने कथित रूप से ‘ग्रेटर कश्मीर’ अखबार समूह को किसी भी प्रकार के सरकारी विज्ञापन देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अगर ये सच है तो मुझे यकीन नहीं होता कि इस कदम से आप एक दब्बू, अधीन मीडिया बनाने के अलावा और क्या हासिल करना चाहते हैं।”

अब्दुल्ला ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, “इस घटनाक्रम को घाटी से बाहर न के बराबर कवरेज मिली। सरकार विज्ञापनों से होने वाली आय को बंद कर मीडिया का गला घोंटने का प्रयास कर रही है। मुझे उम्मीद है कि केंद्र और राज्य तुरंत चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने के इस फैसले को पलटेंगे।”


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(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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