कश्मीर के लिए संयुक्त राष्ट्र जाना ऐतिहासिक भूल थी : शाह

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 नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)| गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के मोदी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे आलोचकों पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि घाटी में वर्तमान स्थिती के लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है।

  देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोष देते हुए शाह ने कहा कि कश्मीर के लिए संयुक्त राष्ट्र में जाना ऐतिहासिक भूल थी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 गलत प्रचार के कारण वर्षो तक चला।


गृहमंत्री शाह यहां इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, “सबसे पहली बात कश्मीर के लिए संयुक्त राष्ट्र में जाना ऐतिहासिक भूल थी। दूसरा, चार्टर का चुनाव गलत था। चार्टर 35 के चयन के बजाए सरकार को चाहिए था कि वह चार्टर 51 का चयन करती।”

अपने दावों को आगे बढ़ाते हुए शाह ने कहा, “चार्टर 35 ने इसे दो देशों के बीच संघर्ष बना दिया, जबकि चार्टर 51 ने हमारी जमीन पर विदेशी कब्जे के बाबत हमारी मदद की होती।”


उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सच्चाई छिपाने के लिए कथित तौर पर कश्मीर के इतिहास को अपने हिसाब से ढाला गया।

उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जो लोग इतिहास लिख रहे थे, वे वहीं थे जो कश्मीर में परेशानी पैदा कर रहे थे।”

शाह ने जनता को यह भी याद दिलाया कि जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर कैसे स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल ने 630 रियासतों को भारत में मिलाया। उन्होंन कहा कि जम्मू एवं कश्मरी के साथ ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि वहां की स्थिति को नेहरू संभाल रहे थे।

शाह ने पहले प्रधानमंत्री नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा, “आजादी के दौरान जैसे ही भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना और आंतकवादियों को हराने की कगार पर थी, नेहरू ने लड़ाई बंद कर दी।”

शाह ने आगे कहा, “इससे जम्मू एवं कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के हाथों में चला गया, जिसे हम आज पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) के नाम से जानते हैं।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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