नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर की एक डराने वाली तस्वीर पेश की जा रही है, मगर वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं है।
पुलिस अधिकारी इम्तियाज हुसैन ने ट्वीट कर घाटी की स्थिति के बारे में फैलाई जा रही फर्जी खबरों का भंडाफोड़ किया।
हुसैन ने ट्वीट किया, “सामान्यीकरण और अतिशयोक्ति। एक अपवादित घटना (जिसका निश्चित ही संज्ञान लिया गया होगा) को मानक के रूप में नहीं समझा जा सकता। किशोरों से किशोर कानून के अनुसार निपटा जा रहा है। एक चौंकाने वाली तस्वीर, जो वास्तव में मौजूद नहीं है।”
हुसैन एक महिला पत्रकार के ट्वीट का जवाब दे रहे थे, जिसमें दावा किया गया था कि 12 साल के बच्चों को घाटी में हिरासत में लिया जा रहा है और आधी रात को छापे मारकर उन्हें पीटा जा रहा है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा था कि महिलाओं को दुष्कर्म की धमकी दी जा रही है और लड़कों को बिजली के झटके दिए जाते हैं, जिनके परिवार उनके ठिकाने से अनजान हैं।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द करने के बाद पांच अगस्त से ही एहतियात के तौर पर राज्य में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।