कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : शाह

  • Follow Newsd Hindi On  

 नई दिल्ली, 18 फरवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

  शाह ने कश्मीरी पंडितों को घाटी में पर्याप्त सुरक्षा के बीच चरणबद्ध पुनर्वास का आश्वासन दिया, जहां से उन्हें 1989 के अंत और 1990 की शुरुआत में इस्लामी आतंकवादियों द्वारा अपना घर छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया गया था। मंत्री ने सात सदस्यीय कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया, जो उनके निवास पर लगभग 12:30 बजे एक घंटे के लिए उनसे मिले।


प्रतिनिधिमंडल में ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (जीकेपीडी) के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक सुरिंदर कौल शामिल थे। इसके अलावा जीकेपीडी इंडिया समन्वयक उत्पल कौल, जीकेपीडी यूएसए से अनिल काचरू, अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (एआईकेएस) के अध्यक्ष ताज टीकू, जम्मू-कश्मीर विचार मंच (जेकेवीएम) के अध्यक्ष दिलीप मट्टू और एजेकेवीएम के सदस्य संजय गंझू व परीक्षित कौल शामिल रहे।

उत्पल कौल ने आईएएनएस को बताया, “मंत्री ने अपने संबंधित जिलों में सभी कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाने का वादा किया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पुनर्वास प्रक्रिया पूरे सुरक्षा इंतजाम के साथ विभिन्न चरणों में पूरी की जाएगी।”

कौल ने कहा कि गृहमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन भी दिया कि सरकारी नौकरियों के लिए कश्मीरी पंडितों की आयु सीमा 50 साल तक बढ़ाई जाएगी और सरकार घाटी में उनकी अतिक्रमित संपत्तियों को वापस दिलाने में मदद करेगी।


कौल ने शाह के हवाले से कहा, “घाटी के सभी मंदिरों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा।”

प्रतिनिधिमंडल ने अनुच्छेद-370 और 35ए को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देने के तौर पर उन्हें एक स्मरण लेख (ज्ञापन) भी सौंपा।

इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के अपने वादे पर लगातार बने रहने के लिए भी मंत्री से धन्यवाद व्यक्त किया।

ज्ञापन में लिखा गया है, “प्रतिनिधिमंडल अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के लिए भी मंत्री का धन्यवाद करता है, जिसके घातक प्रभाव ने कश्मीरी समाज, संस्कृति, सभ्यता, आर्थिक प्रगति और शांतिपूर्ण जीवन जीने की क्षमता को नष्ट कर दिया है।”

प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्रालय के तत्वावधान में कश्मीरी पंडितों के हित में काम करने के एक सलाहकार परिषद के गठन की मांग की।

कश्मीरी पंडितों ने घाटी में उनके नरसंहार और जातीय सफाई के कारणों की जांच के लिए एक आयोग का गठन करने की मांग की।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)