कुलभूषण जाधव केस: इंटरनेशनल कोर्ट में सुनवाई शुरू, जानें भारत ने क्या कहा

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कुलभूषण जाधव केस: इंटरनेशनल कोर्ट में सुनवाई शुरू, जानें भारत ने क्या कहा

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में सोमवार 18 फ़रवरी को सुनवाई शुरू हो गयी है। द हेग में इस मुकदमे की सुनवाई में भारत और पाकिस्तान अपनी दलीलें पेश करेंगे। बता दें कि, सुनवाई में भारत का पक्ष नामी वकील हरीश साल्वे रख रहे हैं। वहीं, ब्रिटेन की रानी के सलाहकार खावर कुरैशी पाकिस्तान का पक्ष रखेंगे है।

ज्ञात हो कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में एक भारतीय जज दलवीर भंडारी और पाकिस्तान के पूर्व चीफ जस्टिस तस्सदुक हुसैन जिलानी अस्थायी जज की भूमिका में हैं।


गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव इंडियन नेवी के रिटायर्ड अफसर हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने आतंक और जासूसी के आरोपों में सजा-ए-मौत सुनाई है। भारत इसका विरोध जबरदस्त तरीके से कर रहा है। ये सुनवाई पूरे चार दिन चलेगी। हरीश साल्वे के बाद पाकिस्तानी वकील खावर कुरैशी 19 फरवरी को अपनी दलीलें पेश करेंगे। इन दलीलों पर 20 फरवरी को भारत फिर से जवाब देगा, जबकि पाकिस्तान 21 फरवरी को अपनी आखिरी दलीलें पेश करेगा।

भारतीय वकील ने क्या कहा

  • साल्वे ने कहा- पाकिस्तान बिना देरी जाधव को काउंसलर उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। बिना काउंसलर एक्सेस के जाधव को कस्टडी में रखे जाने को गैरकानूनी करार दिया जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान जाधव मामले का इस्तेमाल प्रोपागैंडा के लिए कर रहा है।
  • साल्वे ने कहा- 30 मार्च 2016 को भारत ने पाकिस्तान को याद दिलाया था कि जाधव को कॉन्स्युलर उपलब्ध कराया जाना है। हमें इस पर कोई जवाब नहीं मिला। अलग-अलग तारीखों में पाकिस्तान को 13 रिमाइंडर भेजे गए थे।
  • भारतीय वकील ने कहा, “पाकिस्तान बिना देरी जाधव को कॉन्स्युलर उपबल्ध कराने के लिए बाध्य है। बिना काउंसलर एक्सेस के जाधव को कस्टडी में रखे जाने को गैरकानूनी करार दिया जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान जाधव मामले का इस्तेमाल प्रोपोगैंडा के लिए कर रहा है।’
  • पाकिस्तान ने जाधव को उनके परिवार से मिलने का प्रस्ताव दिया। यह मुलाकात 25 दिसंबर 2017 को हुई। भारत इस मुलाकात के रवैये और जाधव के परिवार के साथ किए गए बर्ताव से निराश था।
  • पाकिस्तान को विस्तारपूर्वक यह बताना चाहिए कि आखिर कॉन्स्युलर एक्सेस देने में 3 महीने का समय क्यों लग गया।

पाकिस्तान ने लगाया जासूसी का आरोप

भारत के 48 वर्षीय जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा ‘‘हास्यास्पद मुकदमे’’ में सुनाई गई सजा के खिलाफ मई 2017 में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उधर भारत साफ़ कर चुका है कि कुलभूषण जाधव जासूस नहीं हैं। बल्कि पाक सैनिकों ने उन्हें अफगानिस्तान बॉर्डर से किडनैप किया था। भारत ने कोर्ट से अपील की है कि पाकिस्तान को जाधव की सजा रद्द करने का आदेश दिया जाए।

पाकिस्तानी सैनिकों ने कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान से पकड़कर उनपर अफगानिस्तान में जासूसी के आरोप लगाया था। पाकिस्तान मिलिट्री कोर्ट ने 10 अप्रैल, 2017 को ही उन्हें सजा-ए-मौत सुना दी थी। इस फैसले पर रोक के लिए भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट में अपील की, जिसके बाद कोर्ट ने 2017 में जाधव की सजा पर रोक लगा दी। वैसे पाकिस्तान कह चुका है कि वह जाधव की मौत की सजा को नहीं बदलेगा। उम्मीद है कि जाधव मामले पर फैसला इसी साल आ सकता है।



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