क्या चीन भूराजनीतिक प्रभाव बढ़ा रहा है?

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बीजिंग, 9 मई (आईएएनएस)। कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर चीन बहुत से देशों को मदद पहुंचा रहा है, और उन्हें जरूरतमंद मेडिकल राहत सामग्रियां भिजवा रहा है, लेकिन कुछेक अमेरिकी राजनेता और पश्चिमी मीडिया चीन पर भूराजनीतिक प्रभाव बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि चीन कोरोना से ग्रस्त देशों की मदद कर अपना भूराजनीतिक प्रभाव और वर्चस्व बढ़ा रहा है।

लेकिन पूर्वाग्रहों से ग्रसित उन राजनेता और मीडिया को समझना चाहिए कि चीन उन देशों की मदद मानवतावाद और कृतज्ञता की भावना से अभिभूत होकर कर रहा है। चीन खुद इस महामारी से जूझ चुका है। उसने महामारी से लड़ने में उपयोगी अनुभव भी संचित किये हैं, और वो अनुभव अन्य देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।


दरअसल, वायरस कोई राष्ट्रीय सीमा नहीं जानता है और न ही त्वचा का रंग या फिर भाषा के बीच अंतर करता है। चीन न केवल अंतरराष्ट्रीय मानवतावाद की भावना में महामारी के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों की मदद कर रहा है, बल्कि मानव जाति के लिए साझा भविष्य में दृढ़ विश्वास भी करता है। चीन जानता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एक बड़ा परिवार है, और वह भारत के मूल संस्कार तथा विचारधारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का समर्थक है। वह मानता है कि धरती ही परिवार है।

आज पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी की मार झेल रहे हैं। कुछ तो बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहे हैं। कुछ देशों ने तो हालात संभालने की कोशिश में सेना को भी लगा दिया है। इस मोड़ पर सभी देशों को जरूरत है सहयोग और मदद की, और चीन की तरफ से हर तरह के सहयोग और मदद दी जा रही है।

चीन महामारी से ग्रस्त देशों को फेस मास्क, प्रोटेक्टिव सूट, प्रोटेक्टिव चश्मे, सर्जिकल दस्ताने आदि मेडिकल सप्लाई दे रहा है, यहां तक अपनी मेडिकल टीम भी भेज रहा है। इन सबसे चीनी राष्ट्र की कृतज्ञता की परंपरा झलकती है। याद रखने की बात है कि जनवरी के अंत और फरवरी की शुरुआत में, जब चीन महामारी से गंभीर रूप से लड़ रहा था, और महामारी की स्थिति भयंकर और भीषण थी, तब भारत, जर्मनी समेत दुनिया भर के कई देशों ने चीन को निस्वार्थ सहायता दी थी।


आज जब चीन में कोरोना का कहर कम हो गया है, स्थिति सामान्य हो गई है, तो चीन अब उन देशों की मदद कर ‘एहसान’ चुकाना चाहता है। इसमें उसका किसी भी तरह का कोई लाभ व लालच दिखाई नहीं देता, और न ही उसके भूराजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की मंशा नजर आती है।

चीन ने महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई के दौरान उपयोगी अनुभव हासिल किये हैं। दो महीने की सख्त रोकथाम और नियंत्रण उपायों के बाद, चीन में महामारी पर काबू पा लिया गया है। पूरे देश की मेहनत, सावधानी और नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों से चीन को सकारात्मक नतीजे मिले हैं और चीन अब सबसे मुश्किल पड़ाव से बाहर निकल आया है।

(लेखक : अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप में पत्रकार हैं)

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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