क्यों गूगल पिक्सल भारतीय यूजर्स को लुभाने में नाकाम रहा?

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नई दिल्ली, 29 सितम्बर (आईएएनएस)| गूगल पिक्सल को ‘श्रेष्ठ एंड्रॉयड फोन’ कहा जा रहा था लेकिन टेक जाएंट गूगल का यह महत्वाकांक्षी उत्पाद भारत में लोगों को लुभाने में नाकाम रहा। इसका कारण यह रहा कि अपने इस उत्पाद को लेकर गूगल की मार्केटिंग रणनीति काफी लचर रही।

अगर गूगल पिक्सल के नम्बर्स पर गौर किया जाए तो 2019 के दूसरे क्वार्टर में यह भारतीय प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में सिर्फ 0.1 प्रतिशत शेयर हासिल कर सका। काउंटरप्वाइंट रिसर्च के मुताबिक भारतीय बाजार पर सैमसंग, एप्पल और वनप्लस जैसे ब्रांड का बोलबाला रहा।


साल 2016 में वैश्विक बाजार में आने के बाद से गूगल पिक्सल वैश्विक बाजार में भी अपनी छाप नहीं छोड़ सका।

बीते तीन साल में अगर किसी चाइनीज स्मार्टफोन प्लेअर के ग्राफ पर नजर डाला जाए तो इस दौरान इन सबने भारतीय बाजार में अपनी अच्छी-खासी पकड़ बना ली।

काफी हो-हल्ला के बाद चार अक्टूबर, 2016 को लांच किए गए पिक्सल और पिक्सल एक्सएल के पहले संस्करण ने आगे चलकर नेक्सल लाइन के स्मार्टफोन्स का रूप ले लिया।


पिक्सल ने अपने अब तक के सफर के दौरान कई तरह के उतार-चढ़ाव का सामना किया। रियर कैमरे से लिए गए पिक्चर्स में एक्सेसिव ऑप्टिकल लेंस फ्लेअर दिखा। साथ ही कुछ मोबाइल डैटा ब्रांड्स के साथ कनेक्टिविटी इश्यू भी दिखे। साथ ही ब्ल्यूटुथ कनेक्टिविटी में भी परेशानी आई। इसके अलावा बैटरी और माइक्रोफोन में समस्या से ग्राहक परेशान रहे।

गूगल ने इस परेशानियों को पहचाना और इन्हें दूर भी किया लेकिन इसका कोई फायदा होता नहीं दिखा।

वैश्विक स्तर पर दूसरे क्वार्टर में बजट फोन वाला रूट गूगल के लिए काम करता नजर आया और कम्पनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने निवेशकों को कहा कि उनके लिए ट्वाइस इअर ऑन इअर (वाईओवाई) में पिक्सल का ओवरऑल यूनिट सेल बढ़ता हुआ पाया गया।

गूगल सीईओ ने इस सफलता का श्रेय पिक्सल लाइनअप-खासतौर पर पिक्सल 3ए को दिया और इसके लिए एक विस्तारित डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार किया।

मिड टीयर पिक्सल 3ए और विक्सल 3एएक्सएल को भारत में 39,999 और 44,999 रुपये की कीमत पर लांच किया गया। इन फोन्स के माध्यम से गूगल ने भारतीय बाजार में पीछे हुए नुकसान की भरपाई करने की कोशिश की।

इन सबके बावजूद भारत में पिक्सल का कोई विस्तार नहीं हुआ और भारतीय बाजार गूगल के लिए पहले की ही तरह पहेली बना रहा।

क्या गूगल पिक्सल माइक्रोसॉफ्ट विंडोज फोन की राह पर चल पड़ा है, जब माइक्रोसॉफ्ट को खराब बिक्री के कारण उन्हें बंद करना पड़ा था। माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम के कारण विंडोज 10 के उपयोगकर्ता अब एप्पल आईओएस या फिर एंड्रॉयड डिवाइसेज उपयोग में लाने के लिए बाध्य हैं।

इंडस्ट्री इंटेलीजेंस ग्रुप (आईआईजी) और साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) के प्रमुख प्रभु राम के मुताबिक स्मार्टफोन कैमरा ही एक ऐसा तत्व है, जिसे लेकर ग्राहक सबसे अधिक सोचता है और इसे सबसे अधिक रैंकिंग भी देता है और जब कोई कम्पनी नया फोन लॉन्च करती है तो वह सबसे अधिक कैमरो पर फोकस करती है।

राम ने आईएएनएस से कहा, “यहां गूगल पिक्सल को एक तरह का एकाधिकार प्राप्त है क्योंकि उसके कैमरे बेस्ट इन क्लास हैं लेकिन खराब मार्केटिंग रणनीति के कारण पिक्सल फोन्स बिक्री में रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हैं।”

राम ने कहा कि जहां तक प्रीमियर सेगमेंट के अन्य ब्रांड्स जैसे-एप्पल, वनप्लस का बात है तो इन कम्पनियों की तुलना में पिक्सल अपनी मार्केटिंग रणनीति के कारण मार खा जाता है।

गूगल ने इसी को देखते हुए आक्रामक रणनीति अपनाई और अगले महीने वह बेहतर पिक्सल-4 और पिक्सल 4 एक्सएल लान्च करने जा रहा है। कम्पनी ने यह स्वीकार किया है कि वह पिक्सल फोन्स की बिक्री को लेकर दबाव में है।

त्योहारी सीजन आने वाला है और इस सीजन में फोन्स की बिक्री काफी बढ़ जाती है। ऐसे में गूगल को अपने प्रीमियम क्वालिटी स्मार्टफोन्स की बिक्री के लिए नए सिरे से विचार करने की जरूरत है। अगर गूगल ने ऐसा नहीं किया तो भारत में उसके लिए पिक्सल फोन्स को बचा पाना मुश्किल होगा।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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