लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पर असदुद्दीन ओवैसी बोले- पति जब जेल से आएगा तो पत्नी क्या कहेगी, बहारों फूल बरसाओ…

  • Follow Newsd Hindi On  
Love Jihad: ओवैसी ने कहा लव जिहाद कानून लोगों का ध्यान भटकाने के लिए है

मोदी सरकार ने गुरुवार को लोकसभा (Lok Sabha) में तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) पेश किया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने लोकसभा में ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019′ को चर्चा एवं पारित करने के लिये पेश किया जिसमें विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की संरक्षा करने और उनके पतियों द्वारा तीन बार तलाक बोलकर विवाह तोड़ने को निषेध करने का प्रावधान किया गया है। बिल पर चर्चा के दौरान जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। हैदराबाद से सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस बिल का विरोध किया और सरकार पर जमकर हमला बोला।

असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपने भाषण की शुरुआत तीखे अंदाज में की। उन्होंने कहा कि मैं तीसरी बार इस बिल के खिलाफ खड़ा हुआ हूं और जबतक जिंदगी रहेगी तबतक इस बिल का विरोध करता रहूंगा। ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक को इस सरकार ने अपराध में डाल दिया। ऐसे में फिर महिला का पालन-पोषण कौन करेगा। भाषण के दौरान ओवैसी ने कहा कि इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट की तरह है, इसे आप जन्मों का बंधन मत बनाइए।


लोकसभा: आजम खान ने भाजपा सांसद रमा देवी से कहा- आपकी आंखों में देखता रहूँ, बीजेपी बोली- माफ़ी मांगें

AIMIM नेता ने कहा कि बिल में आप कह रहे हैं कि अगर किसी पति ने पत्नी को तीन बार तलाक कह दिया तो शादी नहीं टूटती, सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी यही कहता है फिर आप ये क्यों कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि ये महिलाओं के खिलाफ है। जब 3 साल की सजा हो जाए, पति जेल में रहे तो औरत 3 साल तक इंतजार करें और जब 3 साल के बाद वो वापस आए तो क्या कहे कि बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है। असदुद्दीन ओवैसी की इसी बात के साथ सदन में ठहाके लगने शुरू हो गए। ओवैसी ने कहा कि आप एक प्रावधान लाइये कि अगर कोई ट्रिपल तलाक देता है तो मेहर की रकम का 5 गुना उसे भरना पड़े। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने की भी अपील की।

अकबरुद्दीन ओवैसी ने दोहराई 15 मिनट वाली बात, कहा- शेर बनें मुसलमान


वहीं, कांग्रेस सासंद गौरव गोगोई ने तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि क्या स्टैंडिंग कमिटी में बिल भेजने की मांग करना भी मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ हो गया। आप मुस्लिम संगठनों से सलाह मशवरा कीजिए। उनके साथ बैठिए। अगर आपको सबका साथ सबका विश्वास चाहिए तो आप सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मॉब लिंचिंग पर कानून लाइए।

आपको बता दें कि लैंगिक न्याय को नरेंद्र मोदी सरकार का मूल तत्व बताते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि तीन तलाक पर रोक लगाने संबंधी विधेयक में सियासत, धर्म, संप्रदाय का प्रश्न नहीं है बल्कि यह ”नारी के सम्मान और नारी-न्याय’ का सवाल है और हिन्दुस्तान की बेटियों के अधिकारों की सुरक्षा संबंधी इस पहल का सभी को समर्थन करना चाहिए।

शपथ के दौरान लगे जय श्री राम के नारे तो AIMIM प्रमुख ओवैसी ने दिया यह जवाब

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)