लोकसभा चुनाव: क्या होती है जमानत राशि और कब होती है जब्त, जानें दिलचस्प बातें

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लोकसभा चुनाव: क्या होती है जमानत राशि और कब होती है जब्त, जानें दिलचस्प बातें

पूरा देश लोकसभा चुनाव के रंग में रंगा हुआ है। सारी पार्टियां और उम्मीदवार चुनाव में बेहतर रिजल्ट लाने के लिए मेहनत कर रही हैं। 11 अप्रैल को 92 लोकसभा सीटों पर पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है। 13 राज्यों की 97 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल को होना है। ऐसे में उम्मीदवारों की साख के साथ ही उनकी जमानत राशि भी दांव पर लगी हुई है। दिलचस्प बात यह है कि पिछले लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त करके ही 14.5 करोड़ रुपये इकट्ठा कर चुकी है।

क्या है जमानत राशि

लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए किसी उम्मीदवार को चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित किए गए कुछ मानदंड पूरे करने होते हैं। उम्मीदवारों की उम्र 25 साल और उनके रजिस्टर्ड वोटर होने के अलावा उम्मीदवार को चुनाव आयोग के पास जमानत राशि भी जमा करनी होती है। यह राशि उम्मीदवारों को तभी वापस मिलती है जब वे कुल वैध वोटों का छठा हिस्सा हासिल कर पाते हैं और इस तरह अधिकतर उम्मीदवार केवल चुनाव ही नहीं हारते बल्कि चुनाव आयोग के पास रखा अपना पैसा भी गंवा देते हैं।


कितनी होती है जमानत राशि?

जमानत राशि हर चुनाव के आधार पर तय की जाती है और चुनाव के आधार पर अलग अलग होती है। पंचायत के चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक जमानत राशि अलग अलग होती है। यह राशि सामान्य वर्ग के लिए और आरक्षित वर्ग के लिए अलग अलग होती है। एससी-एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को जनरल वर्ग के उम्मीदवारों के मुकाबले आदि राशि देनी होती है।

लोकसभा चुनाव के लिए जमानत राशि?

लोकसभा चुनाव में दावेदारी प्रस्तुत करने जा रहे जनरल वर्ग के उम्मीदवारों को 25 हजार रुपये और एससी-एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को 12,500 रुपये फीस जमा करनी होती है। 2009 से पहले जनरल वर्ग के लिए यह राशि 10 हजार रुपये और एससी-एसटी उम्मीदवार के लिए 5 हजार रुपये थी।

सबसे ज्यादा एससी उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त

2014 के लोकसभा चुनाव में 10 में से 8 से अधिक उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हो चुकी है। पिछले चुनाव में कुल 84.9 प्रतिशत उम्मीदवार अपनी जमानत राशि गंवा चुके हैं। अगर जाति के आधार पर बात करें तो 2014 में सबसे अधिक एससी उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हुई है। पिछले लोकसभा चुनाव में 90.5 प्रतिशत एससी उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हुई। इसके बाद सामान्य वर्ग के 83.3 % और एसटी वर्ग के 80.5% उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हुई थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देशभर में 6 लोकसभा सीटों पर ऐसा भी हुआ कि दूसरे नंबर के सबसे ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवारों की भी जमानत राशि जब्त हुई, इसमें गाजियाबाद से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार राज बब्बर भी शामिल थे।


बसपा ने सबसे ज्यादा गंवाई जमानत राशि

अगर पार्टियों के आधार पर बात करें तो पिछले बार के चुनाव में सबसे अधिक बसपा उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हुई। बसपा के 89.1 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी जमानत राशि गंवा दी। इसके बाद क्रमश: कांग्रेस के 38.4%, तृणमूल कांग्रेस के 67.2 %, भाजपा के 14.5%, सीपीआई के 85.1%, सीपीएम के 53.8%और एनसीपी के 36.1% उम्मीदवारों की जमानत राशि चुनाव आयोग ने जब्त कर ली थी। पिछले चुनाव में 3,218 निर्दलीय उम्मीदवारों ने 6.7 करोड़ रुपये की धनराशि गंवा दी थी।


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