आज गुरु पूर्णिमा है और आज ही साल का आखिरी चंद्रग्रहण है। 149 सालों बाद गुरु पूर्णिमा के अवसर पर चंद्रग्रहण का साया रहेगा। यह चंद्रग्रहण भारत समेत यूरोप अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी एवं दक्षिण पूर्व अमेरिका प्रशांत एवं हिंद महासागर से नजर आएगा।
यह एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा, जो 16 और 17 जुलाई के मध्य रात्रि 1 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4.30 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
धर्म में इस चंद्रग्रहण का महत्व
इस बार चंद्रग्रहण के दिन गुरु पूर्णिमा भी है, इसलिए यह चंद्र ग्रहण अहम है। चंद्र ग्रहण को धार्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि इसका विभिन्न राशियों पर काफी प्रभाव पड़ता है। धर्म के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान किसी सरोवर में स्नान किया जाए, तो सभी पाप धुल जाता हैं। इसके अलावा गेहूं, चावल और गुड़ जैसी चीजों का दान भी करना चाहिए। ऐसा करने से खुशहाली आती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्रग्रहण के दौरान कई बातों का ध्यान रखना होता है।
लोगों के साथ-साथ शासन व्यवस्था पर भी चंद्रग्रहण का काफी प्रभाव पड़ता है। मान्यता के अनुसार इस दिन धार्मिक नियमों का पालन किया जाए तो सुख प्राप्त होता है, और ऐसा न करने पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
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क्या कहते हैं ज्योतिष?
इस वर्ष का यह आखिरी चंद्रग्रहण काफी अहम है, क्योंकि 149 साल बाद गुरु पूर्णिमा के दिन ग्रहण लग रहा है। पिछली बार 12 जुलाई 1870 को गुरु पूर्णिमा के ही दिन ऐसा चंद्र \ग्रहण लगा था, जिसका राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ा था। ज्योतिषों की मानें तो उस ग्रहण के दौरान चंद्रमा शनि, राहु और केतु के साथ धनु राशि में था। इस बार भी ऐसा ही कुछ होने जा रहा है। ज्योतिष विद्या के अनुसार, इस चंद्र \ग्रहण का विभिन्न राशियों पर अलग- अलग प्रभाव पड़ेगा।
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