श्रीनगर, 11 मार्च (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो आतंकवादियों में से सोमवार को एक की पहचान पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में हुई है।
हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।
पुलिस ने कहा कि कि त्राल क्षेत्र के मिदूरा गांव का मुदासिर खान उर्फ मुहम्मद भाई पिंगलिश गांव में मुठभेड़ में मारे गए दो आतंकवादियों में से एक है। दूसरे आतंकवादी के बारे में कहा गया कि उसका पाकिस्तानी कोड नाम खालिद है।
मुदासिर खान को उन लोगों में से एक बताया गया है जिन्होंने 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) काफिले पर हमले की साजिश रची थी, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया।
पुलिस के एक बयान में कहा गया, “अब तक की जांच में मुख्य रूप से खुलासा हुआ है कि मुदासिर पुलवामा हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक था।”
उन्होंने कहा, “मुठभेड़ की जगह से बरामद की गई सामग्री के आधार पर पता चला है कि मारा गया दूसरा आतंकवादी एक पाकिस्तानी नागरिक था जिसका कोड नाम खालिद था।”
सुरक्षाबलों द्वारा इलाके में तलाशी जारी है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मारे गए दोनों आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले और नागरिकों पर अत्याचार सहित कई अपराधों में वांछित थे।
मुदासिर खान के परिवार ने उसके शव की शिनाख्त की।
जिस घर में आतंकवादी छिपे हुए थे, सुरक्षाबलों के अभियान में वह घर पूरी तरह से नष्ट हो गया।
सेना ने कहा कि तीन आतंकवादी मारे गए हैं। हालांकि, पुलिस ने अभी तक सिर्फ दो शव बरामद किए हैं।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी जेईएम ने ली थी।