मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का आज सुबह निधन हो गया। यूपी के लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। 85 वर्षीय एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन का स्वास्थ्य पिछले काफी दिनों से खराब चल रहा था। उन्हें पेशाब में परेशानी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
लालजी टंडन के निधन की जानकारी उनके बेटे अशुतोष टंडन ने ट्वीट कर दी। लालजी टंडन लंबी बीमारी के कारण कोमोबिर्टीज और न्यूरो मस्कुलर कमजोरी के कारण वह बाई-रेप वेंटिलेटर को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। सोमवार शाम को दोबारा तबियत बिगड़ने पर उन्हें ट्रेकोस्टॉमी के माध्यम से फिर क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर लिया गया है।
बाबूजी नहीं रहे
— Ashutosh Tandon (@GopalJi_Tandon) July 21, 2020
टंडन की तबीयत खराब होने की वजह से उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की बीजेपी सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे।
लालजी टंडन को 2018 में बिहार का गवर्नर नियुक्त किया गया था। इसके बाद 2019 में उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया। लखनऊ में लालजी टंडन की लोकप्रियता समाज के हर समुदाय में थी। वे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी और अहम सहयोगी भी थे।
साल 2004 में लोक सभा के चुनाव की पूर्व संध्या पर टंडन अपने जन्म दिवस के अवसर पर महिलाओं को साड़ी बांट रहे थे जिसमें अचानक भगदड़ मच गई और 21 महिलाओं की मौत हो गई। हालांकि बाद में टंडन को इस मामले में सभी आरोप से मुक्त कर दिया गया था।