इंदौर: स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले पर शिवराज ने जताई नाराजगी, बोले- आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा

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मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना संदिग्धों की जांच के लिए गए स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि इस घटना में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, ‘कोविड-19 के खिलाफ युद्ध लड़ने वाले मेरे सभी डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और नगरीय निकाय कर्मचारी, आप कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखें, आपकी सम्पूर्ण सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। मैं आपकी कर्तव्यनिष्ठा को प्रणाम करता हूं।’


उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘इंदौर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शामिल अराजक तत्वों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। पीड़ित मानवता को बचाने के आपके कार्य में कोई भी बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये सिर्फ एक ट्वीट नहीं है। ये कड़ी चेतावनी है। मानवाधिकार सिर्फ मानवों के लिए होते हैं।

गौरतलब है कि इंदौर में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट को लेकर राज्य के मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में बुधवार को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अभियान चला रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर लोगों ने पथराव कर दिया था। इससे दो महिला चिकित्सकों के पैरों में चोट आई थी।

मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने सीएम को लिखे पत्र में लिखा है कि सरकार के निर्देश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी निरंतर कोरोना वायरस से बचाव के लिए कार्य में जुटे हैं। उन्होंने लिखा कि बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुई घटना से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के भीतर भय का माहौल पैदा हो रहा है। इस तरह की घटनाएं पिछले दो दिनों में हुई हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की सभी अधिकारी और कर्मचारी आपसे सुरक्षा की मांग करते हैं।

उन्होंने लिखा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए कार्य कर रहे सभी स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने साथ ही लिखा की स्वास्थ्य विभाग के साथ काम कर रहे अन्य कर्मचारियों को भी राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपये का बीमा प्रदान किया जाए। इसमें नियमित, संविदा, आउटसोर्स, सेवानिवृत समेत इससे जुड़े सभी लोगों को शामिल किया जाए।


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