मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। इस बीच राज्यपाल ने 16 मार्च यानी सोमवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दे दिया है। सोमवार से ही मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। खबर है कि राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही सदन में फ्लोर टेस्ट करवाया जाएगा।
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में उपस्थित रहने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है। कांग्रेस के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह ने शनिवार रात थ्री लाइनर व्हिप जारी किया। इसमें कहा गया है कि विधानसभा के पंचम सत्र के समस्त कार्य दिवस में अर्थात 16 मार्च से 13 अप्रैल तक सभी विधायक भोपाल में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। व्हिप में आगे कहा गया है कि सभी सदस्य संपूर्ण कार्यवाही में उपस्थित रहें और किसी भी स्थिति में अनिवार्यत: शासन के पक्ष में मतदान करें।
बता दें कि बीजेपी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए पूरा जोर लगा रही थी। बीजेपी का कहना है कि बजट सत्र में राज्यपाल मौजूदा सरकार के कामकाज का ब्यौरा देते हैं लेकिन जब सरकार ही अल्पमत में है तो इसका सवाल ही नहीं उठता। बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव और डॉ. नरोत्तम मिश्र सारे हालात पर नजर रख रहे हैं।
बर्खास्त किए गए हैं ये 6 मंत्री
कमलनाथ सरकार के 6 बागी मंत्रियों को शनिवार को बर्खास्त कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने मंत्रियों का इस्तीफा मंजूर करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया। स्पीकर ने मंत्रियों को शुक्रवार को उनके सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था। नोटिस के बाद भी कोई मंत्री स्पीकर से नहीं मिला। इसके बाद शनिवार को स्पीकर ने प्रद्युम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया को सदन से बर्खास्त कर दिया।