1700 KM साइकिल चलाकर महाराष्ट्र से गांव पहुंचा था महेश जेना, क्वारंटीन के बाद मिली छुट्टी

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1700 KM साइकिल चलाकर महाराष्ट्र से गांव पहुंचा था महेश जेना, क्वारंटीन के बाद मिली छुट्टी

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार ने देश भर में लॉकडाउन की घोषणा की है। इस लॉक डाउन में सबसे ज्यादा मुसीबत दिहाड़ी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है। लॉकडाउन की वजह से काम बंद होने के चलते हजारों प्रवासी मजदूर किसी तरह अपने घर पहुंचे हैं। 20 वर्षीय महेश जेना महाराष्ट्र के सांगली से 1700 किलोमीटर साइकिल चलाकर ओडिशा पहुंचे थे। अब उन्हें क्वारंटीन की अवधि पूरी होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।

महेश जेना ने बताया कि वह महाराष्ट्र में एक कंपनी में काम करते थे जहां उन्हें आठ हजार रुपये वेतन मिलता था।  लॉकडाउन लागू होने के बाद से वेतन मिलना बंद हो गया और तो खाने के लाले पड़ने लगे। तब उन्होंने ओडिशा में अपने मूल स्थान पर जाने का फैसला किया। उन्होंने अपने दोस्त से 3000 रुपये उधार लिए और एक अप्रैल को साइकिल से सांगली से ओडिशा के लिए कूच कर गए।


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महेश ने बताया कि यात्रा के दौरा मुझे कहीं भोजन नहीं मिलता था। कुछ दिनों तक मैंने सड़क के किनारे बने ढाबों पर खाना खाया। हैदराबाद में मेरी साइकिल भी पंक्चर हो गई थी। इतनी परेशानियों का सामना करने के बाद आखिरकार मैं सात अप्रैल को जाजपुर पहुंच गया।

कैसे तय की 1700 किमी की दूरी

महेश जेना बताते हैं कि उनके पास इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था। लॉकडाउन की वजह से सांगली में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। घर जाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। उनके पास एक साइकिल थी वो सोचा करते थे लेकिन 1700 किमी की दूरी सोच कर सिहर जाते थे। लेकिन एक दिन हिम्मत जुटा कर सफर पर निकलने का फैसला किया। 1 अप्रैल को उनकी यात्रा शुरू हुई और हर एक दिन उन्होंने 14 से 16 घंटे साइकिल चलाई। रात के समय वो किसी मंदिर के पास सोते थे। 1 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा 7 अप्रैल को समाप्त हुई और वो अपने घर पहुंच चुके थे।

महेश ने आगे कहा कि जाजपुर सीमा पर पहुंचने के बाद मैंने मेडिकल स्टाफ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। जेना ने बताया कि मुझे कई बार राज्यों की सीमाओं पर तैनात पुलिस द्वारा रोका गया, लेकिन जब भी मैं उन्हें बताता कि मैं महाराष्ट्र से आ रहा हूं और ओडिशा जा रहा हूं तो वो मुझे जाने देते। शायद उन्हें लगता होगा कि मैं मजाक कर रहा हूं।



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