नोबेल प्राइज विनर मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) को कौन नहीं जानता। 12 जुलाई, 1997 को पाकिस्तान के मिंगोरा में जन्मी मलाला ने 2012 में तालिबान का विरोध किया और दुनिया भर के लिए एक प्रेरणा बन गईं। उनके साहस और कामों को देखते हुए हर साल उनके जन्मदिन को ‘मलाला दिवस’ (Malala Day) के रूप में मनाया जाता है।
आज मलाला 22 साल की हो चुकी हैं, लेकिन वह कोई आम लड़की नहीं हैं। उनका साहस उन्हें काफी बड़ा बनाता है। महज 15 साल की उम्र में उन्हें चरमपंथियों ने दो बार गोली मारी, लेकिन मलाला पीछे नहीं हटीं। उन्होंने पाकिस्तानी लड़कियों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई को बरकरार रखा। मलाला ने शरिया एजेंडे के तहत स्कूलों को बंद करने का विरोध किया और दुनिया में अपनी पहचान बनाई। 2014 में उन्हें नोबेल प्राइज से नवाजा गया और मलाला सबसे कम उम्र में वाली नोबेल प्राइज विनर हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।
मलाला यूसुफजई से जुड़ी कुछ खास बातें
1. महज 11 साल की उम्र में गुल मकाई के अंडर रहते हुए बीबीसी (BBC) के लिए ब्लॉग किया। अपने इस ब्लॉग में मलाला ने ‘डायरी ऑफ़ अ पाकिस्तानी स्कूलगर्ल’ (Diary of a Pakistani Schoolgirl) में बताया कि तालिबान के शासन में एक स्कूल गर्ल होना कैसा है।
2. मलाला का नाम मयवंद के अफगानी योद्धा कवि मलालाई के नाम पर रखा गया था।
3. स्कूलों को बंद करने के खिलाफ मलाला ने अपना पहला भाषण वर्ष 2008 में दिया। अपनी इस लड़ाई को मलाला ने नाम दिया ‘हाउ डेयर द तालिबान टेक अवे माई बेसिक राइट टू एजुकेशन’ (How Dare the Taliban Take Away my Basic Right to Education)।
4. वर्ष 2009 में, न्यूयॉर्क टाइम्स और एलन बी एलिक ने मलाला के साथ एक डाक्यूमेंट्री की, जिसका नाम ‘क्लास डिसमिस’ (Class Dismissed) था।
5. पाकिस्तानी सरकार 24 नवंबर 2011 को मलाला को पहला शांति पुरस्कार दिया।
6. 9 अक्टूबर 2012 में जब मलाला को गोली मारी गयी, तब उनके साथ दो और लड़कियां घायल हुई थीं। उनका नाम कनत रियाज़ (Kainat Riaz) और शाज़िया रमज़ान (Shazia Ramzan) था।
7. अप्रैल 2013 में टाइम के सबसे प्रभावशाली लोगों (Time’s Most Influential People ) की सूची में मलाला का नाम भी शामिल था।
8. मलाला को अब तक लगभग 40 अवार्ड मिले हैं, जिनमें से एक ग्रैमी अवार्ड भी है। मलाला ने अपनी किताब ‘आई एम मलाला’ (I am Malala) के लिए ऑडियो वर्जन के लिए प्रतिष्ठित संगीत पुरस्कार जीता।
9. पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मलाला को ‘पाकिस्तान का गौरव’ (Pride of Pakistan) कहा था। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने उन्हें ‘शांति का बहादुर और सज्जन दूत’ (Brave and Gentle Advocate of Peace) कहा था।
10. बेशक दुनिया भर में मलाला को आइडल माना जाता है, लेकिन उनके अपने मुल्क पाकिस्तान में ही कुछ लोग उनसे नफरत करते हैं। रूढ़िवादी सोच के लोगों ने उन्हें पाकिस्तान को खराब करने का आरोप लगाया, वहीं कुछ लोग उन पर हुए हमले की कहानी को मनगढ़ंत मानते हैं। 22 वर्षीय मलाला यूसुफजई अब इंग्लैंड के प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) से दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रही हैं।