पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कल कोलकाता में केंद्र सरकार के खिलाफ एक विशाल रैली कर रही हैं। इस रैली को केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के लिए एक मंच के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी रैली को समर्थन देने का ऐलान किया है। उन्होंने रैली के समर्थन में टीएमसी को एक पत्र भी लिखा है। वैसे, राहुल गांधी खुद इस रैली में उपस्थित नहीं रहेंगे। कांग्रेस की तरफ से इस रैली में मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होंगे। यह रैली कलकत्ता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होगी। राहुल गांधी के अलावे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सहित विपक्ष के करीब 7 ऐसा नेता हैं जो ममता बनर्जी के मंच पर नजर नहीं आएंगे। इन नेताओं के ममता की रैली में न पहुंचने के पीछे राजनीतिक मायने भी छिपा हुआ है।
नहीं शामिल रहने वाले नेता
मंच नहीं साझा करने वाले ज्यादातर नेता अपनी क्षेत्रीय स्थितियों के कारण रैली में नहीं शामिल हो रहे हैं। इसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक, बसपा अध्यक्ष मायावती, आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष व आंध्र प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेता शामिल हैं।
रैली में शामिल रहेंगे ये नेता
तृणमूल कांग्रेस की रैली में बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, एचडी कुमारस्वामी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, एचडी देवगौड़ा, अरविंद केजरीवाल, जयंत चौधरी, शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव, स्टालिन, अजित सिंह, शरद यादव, हेमंत सोरेन, लालधुवहावमा और गेगांग अपांग उपस्थित होंगे। इनके अलावा युवा नेताओं में मोदी विरोधी हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी भी शामिल होंगे। इसके अलावा बीजेपी के बागी नेताओं में यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी भी मंच पर रहेंगे।
विपक्षी एकता दिखाने की होगी कोशिश
लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता के शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। ममता बनर्जी भी इसीलिए महारैली करने जा रही हैं। इस महारैली में लाखों लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है।