Manikarnika Movie Review: गणतंत्र दिवस पर पेश है देशभक्ति से लबरेज कंगना रनौत की फिल्म

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Manikarnika Movie Review: गणतंत्र दिवस पर पेश है देशभक्ति से लबरेज कंगना रनौत की फिल्म

Manikarnika Movie Review: बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी…कभी सुभद्रा कुमारी चौहान की ये पंक्तियां आज कंगना रनौत अपनी नई फिल्म में सार्थक कर रही हैं। मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांंसी (Manikarnika- The Queen of Jhansi) आज भारत में रिलीज़ हो चुकी है। कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने मणिकर्णिका (Manikarnika) फिल्म में अपने करियर का सबसे अलग किरदार निभाया है। यही कारण है कि फिल्म को लेकर लोगों में खासी उत्सुकता देखने को मिल रही है। मणिकर्णिका फिल्म (Manikarnika Movie) का निर्देशन कृष और कंगना रनौत दोनों ने मिलकर किया है। फिल्म का कुल बजट 125 करोड़ के आसपास बताया जा रहा है लिहाज़ा अगर आप भी इस मूवी को देखने का प्लान कर रहे हैं तो पहले मणिकर्णिका मूवी रिव्यू(Kangana Ranaut Manikarnika Movie) ज़रूर जान लें।

मणिकर्णिका की कहानी कंगना रनौत के आसपास घूमती नज़र आती है, जो पेशवा (सुरेश ओबेरॉय) की दत्तक बेटी मणिकर्णिका (कंगना रनौत) से ही शुरू होती है। अस्त्र-शस्त्र में निपुण मणि की योग्यता के कारण ही राजगुरू (कुलभूषण खरबंदा) राजा गंगाधर राव (जिस्सू सेनगुप्ता) का रिश्ता उनके लिए लाते हैं और दोनों की शादी हो जाती है। झांसी में शादी के बाद नाम बदलने की प्रथा के चलते उनका नाम ‘लक्ष्मीबाई’ (Laxmibai)हो जाता है।


गंगाधर राव और लक्ष्मीबाई का एक बेटा हो जाता है जिसका नाम रखा जाता है ‘दामोदर दास राव‘ | लेकिन महज़ 4 महीने की उम्र में ही दामोदर दास राव का निधन हो जाता है। इसके बाद राजा गंगाधर राव भी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते हैं जिससे उनका भी निधन हो जाता है। बच्चे और पति के निधन के बाद अंग्रेजों की निगाहें झांसी को हड़पने पर टिकी हैं लिहाज़ा अपने राज्य को बचाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई झांसी के सिंहासन पर बैठती हैं और अंग्रेज़ों से कैसे लोहा लेती हैं वो देखने के लिए आपको सिनेमाघरों पर ज़रूर आना होगा।

चलिए अब बताते हैं आपको मणिकर्णिका का रिव्यू

चूंकि मणिकर्णिका एक पीरियड फिल्म है और यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है लिहाज़ा इस फिल्म की कहानी से हम सभी पहले से ही अच्छी तरह वाकिफ है। लिहाज़ा अब बात आती है कहानी के प्रेजेंटेशन की। जिसे बखूबी दर्शाया गया है। मणिकर्णिका मूवी का वॉइस ओवर अमिताभ बच्चन ने किया है और उनकी आवाज़ ने फिल्म को शुरूआत में ही उठाने का काम किया है।

इसके अलावा मणिकर्णिका में बोले गए एक्शन, डायलॉग, और ग्राफिक्स सभी ने मानो मणिकर्णिका में जान फूंक दी है। अभी तक कंगना की पहचान केवल बोल्ड और ग्लैमरस एक्टर्स के तौर पर की जाती थी लेकिन ये फिल्म दर्शकोंं की इस सोच को पूरी तरह से बदल देगी। कंगना का अभिनय इस फिल्म में काफी सराहनीय है। सिर्फ एक्टिंग के लिहाज़ से ही नहीं बल्कि इस फिल्म में कंगना ने निर्देशन भी किया है और इस जिम्मेदारी को भी कंगना ने बखूबी निभाया है।

फिल्म के गानों की बात करें तो बैकग्राउड म्यूज़िक भी बेहद दमदार है और हर सीन पर फिल्म में जान फूंकता है। कंगना के अलावा फिल्म में दूसरे अहम किरदार भी हैं जो अपने अपने रोल में खूब चजे हें। झलकारी बाई के किरदार में अंकिता लोखंडे ने भी काम अच्छा किया है। फिल्म का क्लाइमेक्स देेखने लायक है | झांसी की रानी की वीरगति को इतने प्रभावी तरीके से दर्शाया गया है कि वो रोंगटे खड़े करता है।

अगर कलेक्शन की बात की जाये, तो कुल मिलाकर मूवी अच्छा कलेक्शन कर सकती है |

 

 

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