कुछ लोगों को हार का कभी मलाल नहीं होता, वो हर बार दोगुने उत्साह से जीत के प्रयास में लग जाते हैं। ऐसे ही हैं मथुरा के ‘फक्कड़ बाबा’। साल 1976 से लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं। हर बार हार ही मिली है लेकिन फक्कड़ बाबा रामायणी का जीत के प्रति विश्वास कभी कम नहीं हुआ है। बाबा एक बार फिर मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। वह 8 बार विधानसभा और ठीक 8 बार ही लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। फक्कड़ बाबा रामायणी, मथुरा के जाने- माने नामों में शामिल हैं। इन्होंने 16 बार चुनान के मैदान में अपनी किस्मत आजमाई है। इन्हें किसी में भी जीत नहीं मिली, लेकिन उससे बाबा का उत्साह कम नहीं हुआ है। फक्कड़ बाबा इसबार फिर लोकसभा चुनाव 2019 लड़ेंगे।
आखिर क्या है बाबा के इस उत्साह के पीछे की कहानी
बाबा किसी पार्टी का चेहरा नहीं हैं। वे साल 1976 से लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनावों में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं। हर बार हार मिलने के बाद भी बाबा को इसका मलाल नहीं है। फक्कड़ बाबा को अपने गुरू की बात पर यकीन है जिसमें उन्होंने कहा था कि 20वीं बार चुनाव में जीत का ताज जरूर बाबा के सिर बंधेगा।
बाबा के साथ भक्तों का हाथ
बाबा ने अनुसार इस बार भक्त और समर्थक उनका पूरा साथ दे रहे हैं। भक्तों और बाबा को चाहने वालों ने इस बार चुनाव के लिए बाबा को पैसे दिए हैं और इस बार उनके पास 25 हजार रुपये जमा हो चुके हैं। जिससे बाबा बेहद खुश हैं। गौरतलब है कि फक्कड़ बाबा की तरह ही एक जोगेंदर सिंह उर्फ धरती पकड़ भी थे। वे 1962 से 1998 तक 25 बार चुनाव हारे। 1998 में उनकी मौत हो गई।
फक्कड़ बाबा के गुरु की बात में कितनी सच्चाई है, ये तो समय ही बताएगा लेकिन इतना जरूर तय है कि बाबा के जोश और उत्साह को देखकर बड़े-बड़े नेता भी हार मान लेंगे।
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