मेरठ में एनसीईआरटी के फर्जी प्रिंटिंग प्रेस का भंडाफोड़, 35 करोड़ रुपये की किताबें बरामद

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उत्तर प्रदेश के मेरठ में देर रात एसटीएफ और पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें छापने वाले एक अवैध प्रिंटिंग प्रेस का भंडाफोड़ किया। छापे के दौरान करीब 35 करोड़ रुपए कीमत की किताबें बरामद की गईं।

इस मामले में एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है।

मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय कुमार साहनी ने बताया, “मेरठ जनपद के परतापुर थाना क्षेत्र में अवैध तरीके से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों की छपाई कर आसपास के राज्यों में इनकी आपूर्ति की जाती थी।”


एसएसपी ने बताया, “एक सूचना के आधार पर एसटीएफ और पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से छापा मारा। इस दौरान एनसीईआरटी की करीब 35 करोड़ रुपये कीमत की किताबें बरामद की गई। इसके साथ ही छह प्रिंटिंग प्रेस भी बरामद की गई। पूछताछ में जानकारी मिली कि ये दिल्ली समेत उत्तराखंड और आसपास के कई राज्यों में किताबें सप्लाई करते थे। मौके से एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा गोदाम और प्रिंटिंग प्रेस मशीन जहां चलती थी, उस स्थान को सील कर दिया गया है। सचिन गुप्ता के नाम से सारे चीजें थीं। गुप्ता की तलाश के लिए टीमें लगाई गई हैं। अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।”

उधर इस मामले को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, “शिक्षा-नीति में बदलाव करने वाली भाजपा पहले अपने उन नेताओं को नैतिक-शिक्षा के पाठ पढ़ाए जो करोड़ों रुपए के ‘नकली किताबों’ के गोरखधंधे में संलिप्त हैं। नकली ईमानदारी का चोगा ओढ़े लोगों का सच अब सामने आ गया है।”

–आईएएनएस


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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