राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के 2 सदस्यों ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वाले पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी का कार्यकाल जून 2020 में पूरा होने वाला था। आयोग में केवल यही दोनों गैर सरकारी सदस्य थे। आयोग के अधिकारी ने कहा, ” इन दो सदस्यों ने राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग से 28 जनवरी को इस्तीफा दे दिया था। ”
मोहनन और मीनाक्षी जून 2017 में आयोग का हिस्सा बने थे और उनका कार्यकाल जून 2020 में खत्म होने वाला था। सरकार से कुछ तय मुद्दों पर असहमत होने के कारण दोनों ने लगभग डेढ़ साल पहले अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
सदस्यों के इस्तीफे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि एक और सार्वजनिक संस्था को बर्बाद करने की कोशिश है। पी चिदंबरम ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘इस संस्था की आत्मा को शांति मिले, जब तक कि इसका दोबारा जन्म ना हो जाए।
पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि हम राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की मौत का शोक मनाते हैं। साफ-सुथरे GDP डेटा और रोजगार डेटा को जारी करने के लिए इसकी साहसिक लड़ाई को आभार के साथ याद करते हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोग की आत्मा को शांति मिले, जब तक कि इसका दोबारा जन्म ना हो जाए।
इन सदस्यों के इस्तीफे के बाद अब चार सदस्यीय आयोग में केवल दो सदस्य रह गए हैं। इनमें मुख्य सांख्यिकीविद् प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के अमिताभ कांत हैं। पीसी मोहनन ने कहा कि उपेक्षा के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा उनके काम को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था। मोहनन भारतीय सांख्यिकी सेवा के पूर्व सदस्य हैं और आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वहीं मीनाक्षी दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर हैं। यही आयोग सभी सरकारी आंकड़े देता है। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि आयोग से सभी गैर सरकारी सदस्यों के इस्तीफे ने एक और सार्वजनिक संस्थान को कमजोर बना दिया है।