‘महाराष्ट्र में डीएमआईसी के काम में तेजी’

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 नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)| दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा (डीएमआईसी) के विकास की रफ्तार देश के अन्य हिस्सों में भले ही सुस्त हो, लेकिन महाराष्ट्र में इस गलियारे की परियोजनाएं प्रगति पर हैं।

 2030 तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी, जिसमें 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।


डीएमआईसी का हिस्सा रही औरंगाबाद औद्योगिक नगरी परियोजना यानी ऑरिक से जुड़े एक अधिकारी ने शुक्रवार को यहां बताया कि औरंगाबाद में इस परियोजना के तहत अधिग्रहित 10,000 एकड़ भूमि का विकास किया जा रहा है और 2030 तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी, जिसमें 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

औरंगाबाद इंडस्ट्रीयल टाउनशिप लिमिटेड यानी एआईटीएल के संयुक्त प्रबंध निदेशक गजानन पाटील ने यहां संवाददाताओं से कहा, “ऑरिक में अबतक 52 प्लाट आवंटित किए गए हैं, जिन पर दो बड़ी परियोजनाओं में से 200 करोड़ रुपये की एक परियोजना के अलावा 11 एसएमई इकाइयों में उत्पादन शुरू हो चुका है। डीएमआईसी में सबसे पहले ऑरिक में उत्पादन शुरू हुआ है।”

पाटील ने कहा, “ऑरिक ने 507,164 वर्ग मीटर में 52 प्लॉट आवंटित किए हैं, जिनमें 7,947 करोड़ (79.47 अरब रुपये) रुपये के इंफ्रास्ट्रक्च र पैकेज को भारत सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इससे ऑरिक को टिकाऊ बुनियादी ढांचा तैयार करने में मदद मिलेगी। ऑरिक को अगले 12 साल में 70,000 करोड़ रुपये निवेश की आवकश्यकता है।”


निवेशक आकर्षित करने के मकसद से यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे पाटील ने बताया, “महाराष्ट्र में इस परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण को लेकर कोई अड़चन नहीं आई, जिससे परियोजना अपनी रफ्तार से प्रगति की ओर है और अगले 12 साल में यह पूरी हो जाएगी। कार्यक्रम के तहत दिल्ली-एनसीआर में एक रोडशो किया गया है।”

पाटील कहा, “ऑरिक के लिए महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम यानी एमआईडीसी के अधिनियम के तहत भूमि अधिग्रहण किया गया, जिसमें कोई अड़चन नहीं आई। ऑरिक के तहत 60 फीसदी भूमि का इस्तेमाल उद्योग के उद्देश्य से और 40 फीसदी का इस्तेमाल रिहायशी मकसद से किया जाएगा।”

एआईटीएल ने एक बयान में कहा, “निवेशकों में सबसे बड़ी वैश्विक स्पैन्डेक्स निर्माता दक्षिण कोरिया की सैमसंग कॉपोर्रेशन भी है। अमेरिका, यूरोप, रूस, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया की कई वैश्विक कंपनियां भी ऑरिक में निवेश पर विचार कर रही हैं, जैसे जापान की प्रमुख प्रीकास्ट कॉन्क्रीट निर्माण कंपनी फूजी सिल्वरटेक। भारत की नजदीकी कंपनियों में स्कोडा, सीमेंस, बजाज, जॉनसन एंड जॉनसन, क्रॉम्पटन एंड ग्रीव्स, पर्न्स, लिबेर्र, ल्यूपिन, एंड्रेस एंड हाउजर, वॉकहार्ट एंड्यूरेंस आदि शामिल हैं।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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