महिला सुरक्षा का अभाव शर्म की बात : भागवत

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 नागपुर, 10 नवंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को महिला सुरक्षा के अभाव पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि ‘यह एक शर्म की बात’ है।

  उन्होंने जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए समानता और समान ‘अवसरों’ का आह्वान किया। भागवत ने एक कड़े संदेश में कहा, “लक्ष्मण को सीता के आभूषण पहचानने के लिए कहा गया था, जिसके जवाब में लक्ष्मण ने कहा कि वह केवल सीता माता के पैरों के आभूषण को पहचानते हैं, क्योंकि उन्होंने कभी उन्हें नजर उठाकर नहीं देखा।”


उन्होंने कहा, “इस तरह की परंपरा के साथ, यह शर्म की बात है कि हमारी महिलाएं न तो घर के अंदर सुरक्षित हैं और न ही बाहर। यह कैसे हो सकता है कि हमारे ऐसे होने के बावजूद महिलाएं असुरक्षित हैं?”

भागवत ने महिला सशक्तिकरण का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, “महिलाओं को परिवार चलाने के साथ-साथ देश चलाने में भी अपनी भूमिका में समान रूप से पेश आने की जरूरत है।”

आरएसएस प्रमुख ने कहा, “वे ऐसा कर सकती हैं। बस उन्हें मौका, स्वतंत्रता और थोड़ी मदद दें। उनका रास्ता ना रोकें।”


इससे पहले नई दिल्ली में आरएसएस से जुड़े ²ष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र(डीएसएपीके) द्वारा महिलाओं पर किए गए अध्ययन को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और भागवत द्वारा जारी किया गया।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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