नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपने एक फैसले में कहा कि उत्पीड़न के कारण अपना ससुराल छोड़ने वाली महिला अपने पति या सास-ससुर के खिलाफ मामला उस जगह पर दर्ज करा सकती है, जहां वह रह रही है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि उत्पीड़न के कारण ससुराल को छोड़ने पर मजबूर होने वाली कोई भी महिला भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत आपराधिक मामला किसी भी ऐसी जगह से शुरू करा सकती है, जहां उसने आश्रय लिया हो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि उसका आवास अस्थायी है या फिर वह अपने माता-पिता के घर रह रही है।
यह फैसला विशेषरूप से उन महिलाओं के लिए राहत की खबर लेकर आया है, जो दहेज उत्पीड़न की शिकार होती हैं। इसने इस मुद्दे को निपटा दिया कि धारा 498ए के तहत मामला कहां दर्ज कराया जा सकता है।
इससे पहले व्यवस्था यह थी कि मामला वहीं दर्ज कराना पड़ता था, जहां अपराध को अंजाम दिया गया हो। इसी के साथ यह भी अनिवार्य था कि मामला उसी अदालत में चलेगा, जिसके अधिकार क्षेत्र में वह इलाका आता है, जहां पर आपराधिक कृत्य किए जाने का आरोप है।