‘मी टू’ पर ताहिरा कश्यप ने कहा, असली वहशी रिश्तेदार होते हैं

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मुंबई, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश में यौन उत्पीड़न के खिलाफ तेजी से बढ़ रहे ‘मी टू’ अभियान पर बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना की पत्नी व लेखिक-निर्देशक ताहिरा कश्यप ने अपने विचार साझा करते हुए कहा है कि असली वहशी (रियल क्रीप्स) रिश्तेदार ही हो सकते हैं। बचपन में यौन उत्पीड़न का सामना कर चुकीं 35 वर्षीय लेखिका ने ट्विटर पर एक लंबे पोस्ट के माध्यम से अपनी कहानी साझा की।

कश्यप ने ट्वीट कर कहा, “मुझे करीब 20 साल बाद शांति मिली, जब मैंने इसे अपने पति और परिजनों के साथ साझा किया। अक्सर करीबी लोग, विशेषकर रिश्तेदार (जिन पर आप विश्वास करते हैं) आपकी जिंदगी में असली वहशी (रियल क्रीप्स) होते हैं। मुझे पता है कि (यौन) उत्पीड़न होने पर कैसा महसूस होता है, बरसों तक यह अंदर बसा रहता और उसे याद करने पर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।”


कश्यप ने कहा कि वह शारीरिक स्पर्श से डरने लगी थीं और कहा कि वह आयुष्मान ही हैं जिन्होंने प्यार और धैर्य के साथ उनके घाव भरे।

उन्होंने कहा, “जब मैंने अपने पति (उस वक्त प्रेमी) के साथ डेटिंग शुरू की थी तो मैं शारीरिक स्पर्श से काफी डरी हुई थी, मैं शारीरिक निकटता के प्रत्येक कदम पर रोया करती थी। उनके प्यार और धैर्य ने मुझे संभाला।”

उन्होंने कहा कि हमारे पहले बच्चे के जन्म के बाद भी उस पीड़ा की यादें मुझे डराया करती थीं।


उन्होंने कहा, “मेरे पहले बच्चे के बाद भी मेरे सीने पर भारी बोझ बना हुआ था। उस पीड़ा की यादें मुझे डराया करती थीं और इसलिए मैंने अपनी बचपन की पीड़ा को अपने पति और परिजनों को बताने का फैसला किया।”

कश्यप ने कहा कि मी टू केवल चर्चित चेहरों के लिए नहीं है और उन्हें लगता है कि सभी क्षेत्रों की महिलाओं को उन पुरुषों को सामने लाने में शर्म नहीं आनी चाहिए, जिन्होंने अपनी सीमाएं पार कीं।

‘टॉफी’ निर्देशक ने मी टू अभियान में पुरुषों के हिस्सा लेने और महिलाओं को सच बोलने के लिए प्रोत्साहित करने की भी सराहना की।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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