देश भर में मचे बवाल के चलते बैकफुट पर मोदी सरकार, CAA के ड्राफ्ट में बदलाव पर गृह मंत्रालय कर रहा विचार

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देश भर में मचे बवाल के चलते बैकफुट पर मोदी सरकार, CAA के ड्राफ्ट में बदलाव पर गृह मंत्रालय कर रहा विचार

नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में जारी व्यापक विरोध-प्रदर्शन के चलते मोदी सरकार बैकफुट पर आ गई है। खबर है कि गृह मंत्रालय नागरिकता कानून (CAA) के ड्राफ्ट पर विचार कर सकती है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अगर कानून लागू हुआ तो हालात और खराब हो सकते हैं, ऐसे में इसके ड्राफ्ट पर फिर से विचार किया जाएगा।

पीटीआई के मुताबिक, “गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा है कि नागरिकता कानून या एनआरसी के कारण लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। कानून के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति या उसके माता-पिता जिसका जन्म भारत में 1987 से पहले हुआ है तो वह प्रामाणिक तौर पर देश नागरिक है।”



इसके साथ ही प्रदर्शनकारी भी इस कानून को लेकर गृह मंत्रालय को अपने सुझाव भेज सकते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि पूरी प्रक्रिया लगभग डिजिटल होगी और दस्तावेजों की जांच की जाएगी।

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून एक केंद्रीय कानून है और राज्य इसको मानने के लिए बाध्य हैं। राज्यों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पहले यह काम जिलाधिकारी/कलेक्टर के जिम्मे था, लेकिन इस बार प्रक्रिया में बदलाव होगा। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया में राज्य के अधिकारियों की भूमिका अहम है और हर पहलू पर उनकी मदद ली जाएगी।

NRC पूरा होने पर जारी होगा अलग ID कार्ड

सूत्रों की मानें तो देशभर में एनआरसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नागरिकता कानून के आर्टिकल 14 ए के तहत लोगों को एक राष्ट्रीय पहचान पत्र (National Identity Card ) भी जारी किया जाएगा।

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बता दें, पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने इस कानून पर स्टे लगाने से इंकार कर दिया था। साथ ही कोर्ट में दायर याचिकाओं को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है। शीर्ष अदालत ने सभी मामलों को लेकर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। अब इस मामले में 22 जनवरी 2020 को सुनवाई होगी।


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