मिस्र में राष्ट्रपति के खिलाफ जनता सड़क पर उतरी

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काहिरा, 21 सितंबर (आईएएनएस) राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सिसी के इस्तीफे की मांग को लेकर पूरे मिस्र में लोग सड़कों पर उतर आए। विरोध प्रदर्शन ऐसे समय हो रहे हैं, जब राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक में शामिल होने अमेरिका जाने को हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार देर रात कम से कम आठ शहरों में प्रदर्शनकारी सड़ाकों पर जमा हो गए। सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा गुस्सा काहिरा, अलेक्जेंद्रिया और स्वेज में देखा गया, जहां बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए थे।

अधिकार और स्वतंत्रता के लिए मिस्र के आयोग के अनुसार, “2011 के मिस्र की क्रांति की एक प्रमुख जगह, काहिरा के तहरीर चौक और उसके आस-पास सैकड़ों शासन-विरोधी प्रदर्शनकारी जमा हो गए और सरकार विरोधी नारे लगाए। यहां पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले छोड़े। राजधानी में कम से कम चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और एक पत्रकार को माहल्ला शहर से गिरफ्तार किया गया।”


एएफपी ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि कम से कम 74 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

बीबीसी के अनुसार, राष्ट्रपति सिसी की सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के परिणामस्वरूप शुक्रवार रात को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था।

शुक्रवार देर रात ट्विटर ट्रेंडिंग लिस्ट में ‘सीसी जाओ’ और ‘जनता शासन को उखाड़ फेंकना चाहती है’ जैसे शब्द सबसे ऊपर थे।


मिस्र के व्यवसायी मोहम्मद अली ने लोगों से राष्ट्रपति के खिलाफ सड़कों पर उतरने का आह्वान किया था, जिसके बाद देश के हजारों युवा सड़कों पर उतर आए। अली फिलहाल स्पेन में स्वनिवार्सित जीवन बिता रहे हैं और देश के युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हैं।

उन्होंने ऑनलाइन वीडियो की एक सीरीज पोस्ट की थी, जिसमें सिसी पर लक्जरी आवासों और होटलों पर लाखों बर्बाद करने का आरोप लगाया गया है, जबकि वहीं लाखों मिस्रवासी गरीबी में रहते हैं।

मंगलवार को पोस्ट किए गए अपने पहले वीडियो में उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि अगर राष्ट्रपति सिसी ने गुरुवार को इस्तीफा नहीं दिया तो “मिस्र के लोग विरोध में शुक्रवार को सड़कों पर निकल पड़ेंगे।”

दोहा इंस्टीट्यूट फॉर ग्रेजुएट स्टडीज में मीडिया और पत्रकारिता कार्यक्रम के अध्यक्ष मोहम्मद अलमासरी ने कहा, “मोहम्मद अली इस समय मिस्र में सबसे लोकप्रिय व्यक्ति हैं। यह अल सिसी सरकार के लिए वास्तविक खतरा है, अगर यह वास्तविक खतरा नहीं होता तो वह बीते सप्ताह युवा सम्मेलन में सीधे अली को संबोधित नहीं करते।”

वहीं सिसी ने आरोपों को झूठा करार दिया है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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