प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने के अपने सरकार के संकल्प को दोहराया और कहा कि केंद्र यह सुनश्चित करने के लिए इसमें कुछ बदलाव करेगा कि इससे कोई प्रभावित ना हो।
मोदी ने यह बात असम की बराक घाटी के सिलचर में कही। यहां चुनाव के दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।
उन्होंने कहा, “हम नागरिकता (संशोधन) विधेयक को फिर से लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, हम इसमें कुछ बदलाव करेंगे जिससे किसी के साथ कोई अन्याय नहीं हो। बदलाव से पहले सभी को विश्वास में लिया जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की गलतियों के कारण पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक बुरी तरह धार्मिक उत्पीड़न का शिकार बने और अपनी ही मातृभूमि में विदेशी बन गए।
मोदी ने कहा, “देश कांग्रेस नेतृत्व के कारण 1947 में धार्मिक आधार पर विभाजित हुआ। कांग्रेस नेताओं ने तब उन भारतीयों के बारे में कुछ नहीं सोचा जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के तौर पर छूट गए थे। वहां मंदिरों-गुरुद्वारों में गए अधिकांश लोगों को यातनाएं दी गईं।”
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तीन तलाक विधेयक लाने के लिए भी संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, आल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और अन्य का ‘महामिलावट गठबंधन’ ‘देश की बेटियों’ को न्याय दिलाने से नहीं रोक सकता।