मोदी सरकार के दावों का सच बयां करती है ‘वादा-फरामोशी’

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 नई दिल्ली। आम चुनाव से पहले ‘वादा-फरामोशी’ नामक एक किताब आई है जिसे मोदी सरकार के कामकाज का एक दस्तावेज बताया गया है। लेखक त्रय द्वारा आरटीआई से प्राप्त सूचना से संकलित तथ्यों के आधार पर लिखी गई किताब ‘वादा-फरामोशी’ का रविवार को विमोचन हुआ।

किताब का विमोचन दिल्ली के मुख्यमंत्री और आरटीआई कार्यकर्ता रहे अरविंद केजरीवाल के हाथों किया गया।


इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि जनतंत्र में जनता सर्वेसर्वा होती है और सरकार जनता का सेवक होती है। उन्होंने कहा, “जनता सरकार को कर देती है, इसलिए सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी है।”

उन्होंने कहा कि वह खुद आरटीआई कार्यकर्ता रहे हैं और प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता को वह अपना गुरु मानते हैं।

किताब के लेखकों में एक शशिशेखर ने कहा कि यह वादा-फरामोशी मोदी सरकार के दावों को बयां करती हैं। किताब के सह-लेखक संजॉय बसु और नीरज कुमार हैं।


संजॉय बसु ने बताया कि आरटीआई से प्राप्त 80 फीसदी सूचनाओं को किताब में शामिल किया गया है, जबकि 20 फीसदी सूचना अब तक नहीं मिल पाई है। वहीं, नीरज कुमार ने कहा कि किताब में 25 अहम मसलों को शामिल किया गया है।

शशिशेखर ने कहा, “करीब तीन दशक बाद 2014 में केंद्र में एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी, जिसका मूल मंत्र ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ था, लेकिन शुरुआत से ही केंद्रीय योजनाओं के प्रचार पर भारी-भरकम खर्च को देखते हुए उन योजनाओं का परिणाम जानना जरूरी था।”

उन्होंने कहा, “वादा-फरामोशी आरटीआई कानून के तहत सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए तथ्यों के आधार पर पिछले पांच वर्षो में मोदी सरकार के कामकाज का एक दस्तावेज है।”

उन्होंने कहा, “सरकारी दावों का सच पाठकों के सामने लाने की यह एक ईमानदार कोशिश है।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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