Mothers Day 2019 : जानें क्यों खास है ये दिन और कैसे हुई इसे मनाने की शुरुआत

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Mothers Day 2019 : जानें क्यों खास है ये दिन और कैसे हुई इसे मनाने की शुरुआत

कहते हैं…मुश्किल राहों में भी आसान सफर लगता है, शायद यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है!

जब भी हम किसी मुसीबत में होते हैं तो हमें सबसे पहले अपनी मां की याद आती है। उसके आंचल तले गोद में सर रखकर सोने का मन चाहता है। आप किसी भी उम्र की दहलीज को लांघ जाएं, चोट लगने पर सबसे पहले मां की ही पुकार निकलती है। इस दिन को और खास बनाने के लिए साल का एक दिन सिर्फ मां के नाम करने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है।


इस बार मदर्स डे 12 मई को मनाया जा रहा है। इस दिन मां को सम्मान और ढेर सारा प्यार किया जाता है। उन्हें तोहफे दिए जाते हैं। वैसे तो मां को हर दिन प्यार किया जाता है, लेकिन मां को प्यार और सम्मान देने के लिए कई देशों में अलग-अलग तारीख पर खास मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है।

क्या होता है मदर्स डे?

मदर्स डे के लिए मां को खास प्यार और सम्मान जताया जाता है। मां को स्पेशल महसूस कराया जाता है। इस दिन उन्हें तोहफा दिया जाता है, घुमाया जाता है। यानी जिन भी तरीकों से आप अपनी मां से प्यार जता सकते हैं, वो सब किया जाता है।

कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत?

मां को सम्मान देने वाले इस दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई। अमेरिकन एक्टिविस्ट और स्कूल टीचर ऐना जार्विस अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं। उन्होंने न कभी शादी की और ना उनका कोई बच्चा था। वो हमेशा अपनी मां के साथ रहीं। 1905 में अपनी मां की मृत्यु के बाद एना ने उन्हें अनन्त श्रद्धांजलि अर्पित करने का अपना मिशन शुरू किया। अपनी माँ की दूसरी पुण्यतिथि पर, एना जार्विस ने एक स्मारक सेवा के लिए 500 सफेद कार्नियाँ खरीदीं। उन्होंने चर्च की सभाओं में सभी माताओं के बीच अपनी माँ के पसंदीदा फूल बांटे।


शिकागो ट्रिब्यून के एक लेख के अनुसार, जल्द ही  ऐना ने राजनेताओं, नौकरशाहों को अपनी मां के सम्मान में राष्ट्रीय अवकाश के लिए पैरवी करने के लिए राजी करना शुरू कर दिया। उनके प्रयासों से कांग्रेस ने एक संयुक्त प्रस्ताव पारित किया। 9 मई 1914 को अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने एक लॉ पास किया था जिसमें लिखा था कि मई महीने के हर दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा।

लेकिन उनका काम अभी पूरा नहीं हुआ था। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अमेरिका के नक्शेकदम पर चलने के लिए विदेशी देशों के प्रमुखों को लिखित रूप में मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस घोषित करने की कवायद की। जिसके बाद मदर्स डे अमेरिका, भारत और कई देशों में मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा।

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