मध्य प्रदेश: उज्जैन में विकास दुबे के सरेंडर को दिग्विजय सिंह ने बताया प्रायोजित, बोले- भाजपा नेता ने की मदद

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मध्य प्रदेश: उज्जैन में विकास दुबे के सरेंडर को दिग्विजय सिंह ने बताया प्रायोजित, बोले- भाजपा नेता ने की मदद

भोपाल। उत्तर प्रदेश के हिस्टीशीटर विकास दुबे (Viaks Dubey Arrest) के मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में गिरफ्तार किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा है कि यह विकास का प्रायोजित सरेंडर है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, “यह तो उत्तरप्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेंडर लग रहा है। मेरी सूचना है कि मध्यप्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के सौजन्य से यह संभव हुआ है। जय महाकाल।”


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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “मैं शिवराज जी से विकास दुबे की गिरफ़्तारी या सरेंडर की न्यायिक जॉंच की मॉंग करता हूँ। इस कुख्यात गेंगस्टर के किस किस नेता व पुलिसकर्मियों से सम्पर्क हैं जॉंच होना चाहिए। विकास दुबे को न्यायिक हिरासत में रखते हुए इसकी पुख़्ता सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए ताकि सारे राज़ सामने आ सकें।”

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर में आठ पुलिस कर्मियों की मौत के जिम्मेदार 5 लाख का इनामी कुख्यात विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने गुरुवार सुबह को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया है। कई दर्जन टीमें उसकी गिरफ्तारी में लगी हुई थीं। लेकिन वह लगातार चकमा दे रहा था। अब मध्य प्रदेश पुलिस उसे यूपी पुलिस सौंपने जा रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे की उज्जैन से गिरतारी के मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा की है। मध्य प्रदेश पुलिस अब विकास दुबे को यूपी पुलिस को हैंड ओवर करेगी।

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बता दें कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास दुबे पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है।

 

इसके अलावा साल 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। 2001 में कानपुर देहात के शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चौयरमेन, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था। कोई गवाह न मिलने के कारण केस से बरी हो गया।

(इनपुट एजेंसी से भी)


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