मप्र : बाढ़ राहत और बचाव कार्य में जुटी सेना

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भोपाल, 18 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। गांव, खेत और घरों में पानी भर गया है। भिंड और मुरैना का हाल यह है कि यहां राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की मदद लेना पड़ी है। इन दोनों जिलों में बुधवार को सेना के जवानों ने बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित निकाला। वहीं दूसरी ओर हालात का जायजा लेने नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं। राज्य में बुधवार को बारिश का दौर कुछ थमा रहा, मगर बाढ़ की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं आया। गांव में लोग फंसे हुए हैं और उनकी जिंदगी संकट में है।

सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, सेना की सुदर्शन चक्र कोर के इन्फैन्ट्री और इएमई के जवान भिड और मुरैना जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को बचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।


सेना के जवानों ने बुधवार को भिड जिले के अटेर, दिनपुरा व चोमू में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसी तरह मुरैना जिले के नागराह, पाटिलपुत्र, बरवासन और कुल्हारा से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया। बाढ़ से बचाए लोगों को सेना द्वारा जरूरी सुविधाएं जैसे भोजन, पानी और मेडिकल सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

केंद्रीय मंत्री नरेद्र सिह तोमर और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों के प्रभावित गांवों का जायजा लिया। तोमर ने कहा, “रिजर्व रिलीफ फंड का पीड़ितों को राज्य सरकार वितरण करे, आंकलन के बाद मांग अनुसार केंद्र सरकार सहायता देगी।”

शिवराज ने कहा, “बाढ़ पीड़ितों के लिए राज्य सरकार तत्काल सहायता प्रदान करे। बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को 25 हजार रुपये नगद, 40 हजार रुपये घर बनाने के लिए, 50 किलो गेंहूं तथा पांच लीटर केरोसिन दिया जाए।”


कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मंगलवार को कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। इसके अलावा राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, कृर्षि मंत्री सचिन यादव, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया भी ग्रामीण इलाकों का दौरा कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि भिंड में चंबल नदी में कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से बाढ़ के हालात बने हैं। यहां के 44 गांवों पर बाढ़ का असर है। अब जलस्तर कम होने से इस बात की संभावना बनी हुई है कि बाढ़ की स्थिति में सुधार आएगा।

वहीं दूसरी ओर गांधी सागर बांध का पानी आने से नीमच व मंदसौर में भी बाढ़ की स्थिति बनी। यहां स्थिति अब सुधरने लगी है। राज्य में बाढ़ से 10 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान मुख्यमंत्री कमलनाथ भी जता चुके हैं। वहीं नुकसान के सर्वेक्षण का कार्य जारी है। बाढ़ के कारण 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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