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इस्लामाबाद, 30 दिसंबर (आईएएनएस)| फेसबुक ने जम्मू एवं कश्मीर से संबंधित न्यूज बुलेटिन के लिए पाकिस्तान प्रसारण निगम (पीबीसी) की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगा दी है। यूट्यूब पर हालांकि रेडियो पाकिस्तान के बुलेटिनों की लाइव स्ट्रीमिंग जारी रखने के लिए अस्थायी व्यवस्था की गई है। यह जानकारी डॉन न्यूज ने रेडियो पाकिस्तान के हवाले से दी।

रेडियो पाकिस्तान ने अपनी रिपोर्ट में सोशल-मीडिया दिग्गज फेसबुक से प्राप्त पूर्व चेतावनी संदेशों के स्क्रीनशॉट शामिल किए हैं, जिसमें सार्वजनिक प्रसारक को खतरनाक व्यक्तियों और संगठनों पर मानकों के उल्लंघन पर चेतावनी दी गई है।


ये पोस्ट विशेष रूप से जुलाई में हिजबुल मुजाहिदीन के नेता बुरहान वानी की पुण्यतिथि और मई में इसके कमांडर जाकिर मूसा की मौत के बाद लगाए गए कर्फ्यू के बारे में समाचारों से संबंधित थे। इस्लामाबाद में सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मामलों की प्रधानमंत्री की सहायक फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि पाकिस्तान को अधिक आत्मनिर्भर बनने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्लेटफार्मो से दूरी बनानी होगी।

कश्मीर के बारे में उन्होंने कहा, “जैसा कि हमने देखा है, हर बार जब हम सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर मानवाधिकारों के हनन को उजागर करने की कोशिश करते हैं तो अकाउंट बंद कर दिए जाते हैं, जैसे कि फेसबुक।”

उन्होंने कहा, “हमने पहले भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है और भविष्य में फिर से ऐसा करेंगे और उन अकाउंट्स को फिर से बहाल करेंगे।”


फेसबुक ने 2016 में वानी की मौत से संबंधित दर्जनों पोस्ट्स को सेंसर किया। कश्मीर घाटी के बारे में पोस्ट करने के लिए फोटो व वीडियो के अलावा शिक्षाविदों व पत्रकारों के अकाउंट्स और साथ ही स्थानीय अखबारों के पूरे पेज हटा दिए गए थे।

फेसबुक द्वारा नवंबर में जारी की गई हालिया पारदर्शिता रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जुलाई 2019 के बीच विश्वस्तर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्रतिबंध की गई कुल 17807 सामग्री (कंटेंट) में से 31 फीसदी पाकिस्तान से थी।

फेसबुक ने 2019 की पहली छमाही के दौरान पाकिस्तान की कुल 5690 सामग्रियों पर प्रतिबंध लगाया। वहीं इससे पहले 2018 की दूसरी छमाही के दौरान पाकिस्तान की 4174 सामग्री पर प्रतिबंध लगाया गया था।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में जब भी किसी अलगाववादी नेता पर बड़ी कार्रवाई की जाती है तो पाकिस्तान की ओर से वहां के विभिन्न स्थानीय समाचार माध्यमों से लेकर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट की जाती रही हैं। भारत सरकार की ओर से पांच अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द करने के बाद भी पाकिस्तान में सच्चाई से परे व उकसाने वाली पोस्ट की गई। यही कारण है कि फेसबुक कंपनी पड़ोसी देश की इस स्वार्थी रणनीति पर कार्रवाई कर रही है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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