मप्र : कांग्रेस में घमासान के बीच कमलनाथ ने किया हस्तक्षेप

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भोपाल, 4 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा मंत्रियों को लिखे गए खत के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हमलावर हुए वन मंत्री उमंग सिंघार के बयानों से राज्य की सियासत गरम हो गई है। कांग्रेस के भीतर ही एक-दूसरे के खिलाफ शुरू हुई बयानबाजी पर विराम लगाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को हस्तक्षेप करना पड़ा है। दोनों नेताओं के बीच विवाद की जड़ एक आबकारी अधिकारी को माना जा रहा था, जिसे धार जिले से हटा दिया गया है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंघार को भविष्य में किसी तरह का बयान न देने की हिदायत दी है। इसके साथ ही उन्होंने अन्य मंत्रियों को भी अपने विभाग की बात ही करने को कहा है। वहीं कमलनाथ ने एक आबकारी अधिकारी संजीव दुबे को हटाने की सिंघार की मांग मान ली है। सिंघार ने इस अधिकारी को दिग्विजय सिंह का संरक्षण होने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री की हिदायत के बाद सिंघार ने मीडिया से दूरी बना ली है।

दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों राज्य सरकार के मंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे मुलाकात का समय मांगा था। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस पर वन मंत्री सिंघार ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था, “कमलनाथ सरकार को पार्टी के ही कद्दावर नेता एवं सांसद दिग्विजय सिंह अस्थिर कर स्वयं को मप्र के पॉवर सेंटर के रूप में स्थापित करने में जुटे हैं। वह लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को पत्र लिखकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं।”


बात यहीं नहीं रुकी। वन मंत्री सिंघार ने बुधवार को दिग्विजय सिंह को ब्लैकमेलर तक कह डाला। वहीं सिंह का बचाव करते हुए जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने सिंघार पर हमला कर दिया।

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सिंघार की मंगलवार रात मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात हुई, जहां सिंघार ने अपना पक्ष रखा।

इस बीच, मंगलवार को ही एक कथित ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें संजीव दुबे एक अन्य के साथ राज्य के मंत्रियों और विधायकों को शराब ठेकेदार द्वारा 10 से 20 लाख रुपये दिए जाने की बात कह रहे थे। इस ऑडियो में मंत्री उमंग सिंघार, कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह, हीरालाल अलावा आदि का नाम था। इस आडियो पर सिंघार ने ऐतराज जताया था।


सिंघार ने इस अधिकारी को धार जिले से हटाने की मांग की, जिसे कमलनाथ ने मान लिया और अधिकारी को धार से हटाने के आदेश दिए।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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