मप्र के 40 फीसदी जिलों तक कोरोना की दस्तक

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भोपाल, 12 अप्रैल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश मे कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, राज्य के लगभग 40 फीसदी जिलों तक इस बीमारी ने अपनी दस्तक दे दी है। राज्य में मरीजों का आंकड़ा 529 पर पहुंच गया है तो मौतों की संख्या 40 हो गई है।

राज्य में हर रोज कोरोना मरीजों की संख्या और मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। सबसे बुरा हाल तो व्यापारिक नगरी इंदौर का है, जहां प्रदेश के कुल मरीजों में से आधे से ज्यादा हैं। मौत के मामले में भी यह अव्वल बना हुआ है। अब यह महामारी बड़े शहरों से छोटे शहरोें की ओर बढ़ गई है। मरीज तो अब रतलाम, मंदसौर व सागर जैसे छोटे जिलों में भी मिले है। इससे सरकार की चुनौती और भी बढ़ गई है।


राज्य में 52 जिले हैं, जिनमें से 22 जिलों में अब तक कोरोना संक्रमित लोग मिल चुके हैं। अभी राज्य के 30 जिले ऐसे हैं, जहां इस मर्ज का एक भी मरीज नहीं मिला है। सरकार की ओर से लगातार बीमारी को काबू में रखने के इंतजाम किए जा रहे हैं। लॉकडाउन 14 अप्रैल तक जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी लॉक डाउन को खत्म करने के प़क्ष में नहीं है। उन्होंने इसे और बढ़ाने की मंशा जाहिर की है।

राज्य की शनिवार रात तक की स्थिति पर गौर करें तो कोरोना पीड़ितों की संख्या 529 हो गई है। इंदौर में मरीजों कीं सख्या सबसे ज्यादा 281 है । वहीं भोपाल में आंकड़ा 131 , जबलपुर में नौ, ग्वालियर छह, उज्जैन में 15, मुरैना में 13, खरगोन में 14, बड़वानी में 14, विदिषा 13, होशंगाबाद 10, खंडवा छह, देवास तीन, शिवपुरी, श्योपुर व छिंदवाड़ा में दो-दो और बैतूल, धार, रायसेन, सागर, शाजापुर, मंदसौर, रतलाम व अन्य राज्य से आए एक-एक मरीजों के नमूनें पॉजिटिव पाए गए हैं ।

वहीं राज्य मे मौतों की सख्ंया 40 हो गई है। अब तक इंदौर में 30, उज्जैन में पांच, खरगोन दो और भोपाल, देवास व छिंदवाड़ा में एक-एक मौत हुई है। राज्य में अब तक 38 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा इंदौर से 29 हैं।


राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती संक्रमण के विस्तार को रोकने की है। यही कारण है कि राज्य में तीन जिलों इंदौर, भोपाल व उज्जैन केा पूरी तरह सील कर दिया गया है, साथ ही 15 जिलों के 46 स्थानों को हॉट स्पॉट घोषित किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार हर रोज हालात की समीक्षा कर रहे है, साथ ही भरेासा दिला रहे है कि किसी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं और सामान में कमी नहीं होने दी जाएगी। शर्त है कि लोग लॉक डाउन का पालन करें क्योंकि इसे रोकने का एक ही तरीका है कि लोग घरों में रहें।

मुख्यमंत्री चौहान ने हालात से निपटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय िंसंह, उमा भारती व कमल नाथ से भी संवाद किया और उनके सुझाव मांगे। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लॉक डाउन के चलते जन सामान्य को परेशानी नहीं हो, लोगों को जरुरत का सामान मिलता रहे। यह इंतजाम किए जाएं। आगामी 15 अप्रैल से किसानों की उपज की खरीदी शुरु होने वाली है, इसके लिए भी व्यापक और बेहतर इंतजाम किए जाएं।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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