मप्र : कोरोना को रोकने देश के बेहतर मॉडल को अपनाने पर जोर

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भोपाल, 8 अप्रैल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इंदौर और भोपाल में सबसे ज्यादा संक्रमण है और सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए सख्त फैसले लेना शुरू कर दिए है। इंदौर और भोपाल की सीमाओं को कड़ाई से सील किया जा रहा है। वहीं देश में जहां भी कोरोना रोकने में सफलता मिली है, वहां के मॉडल को अमल में लाने की तैयारी की जा रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों के साथ मंगलवार की रात को कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि भोपाल और इंदौर शहरों में कोरोना के अधिक प्रकरण मिले हैं इसलिये इनकी सीमाओं को और कड़ाई से सील किया जाए तथा आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध हो। संक्रमण रोकने के लिए सर्वे कार्य तथा कोरोना टेस्टिंग का कार्य गहनता से किया जाए।


आधिकारिक जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना के संक्रमण को पूरी तरह से रोकना है तथा कोरोना मरीजों को ठीक करना है। इसके लिए भीलवाड़ा एवं कर्नाटक मॉडल तथा जहां भी अच्छे कार्य हुए हैं, उनकी जानकारी प्राप्त कर उन्हें प्रदेश में लागू किया जाए। अधिकारी अपना पूरा टैलेंट इस कार्य में झोंक दें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि भारत सरकार द्वारा कोरोना का प्रोटोकाल एवं गाइड लाईन तैयार की गई है। इनका पूर्ण पालन किया जाए तथा इनकी जानकारी फील्ड स्टाफ तक पहुंचाई जाए। जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन में हैं, उन्हें ट्रेस करने के लिए फेस रिकग्निशन टेक्नीक तथा सूचना प्रोद्योगिकी की अन्य टेक्नीक का प्रयोग भी किया जाए।

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग एवं उपचार की पर्याप्त व्यवस्था है। वर्तमान में हमारे पास 29 हजार टेस्टिंग किट उपलब्ध हैं तथा हमारी टेस्टिंग क्षमता 580 प्रतिदिन हो गई है। गत दिवस 500 सैम्पल लिए गए थे। प्रतिदिन पांच हजार पीपीई किट्स आ रही हैं। आगामी समय के लिए 50 हजार पीपीई किट्स का अर्डर दिया गया है। हमारे पास दो लाख हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन गोलियां स्टाक में हैं। एन-95 मास्क की संख्या 77 हजार तथा थ्री-लेयर मास्क 6 लाख हैं।  


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