मप्र में 66.92 प्रतिशत मतदान (राउंडअप)

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 भोपाल, 29 अप्रैल (आईएएनएस)| लोकसभा चुनाव के चौथे चरण और मध्य प्रदेश के पहले चरण में छह संसदीय क्षेत्रों के लिए और एक विधानसभा क्षेत्र पर उपचुनाव के लिए सोमवार को मतदान संपन्न हो गया।

  राज्य के छह संसदीय क्षेत्रों में 66.92 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। कई स्थानों पर गड़बड़ी के कारण ईवीएम और वीवीपैट बदलने पड़े। स्थानीय समस्याओं को लेकर मतदान बहिष्कार की भी खबरें आईं।


राज्य के छह संसदीय क्षेत्रों सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट एवं छिंदवाड़ा और छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिए वोट डाले गए। सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और छह बजे तक चला। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान चार बजे बंद हो गया।

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में 66.92 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। सीधी संसदीय क्षेत्र में 57.32 प्रतिशत, शहडोल में 68.76 प्रतिशत, जबलपुर में 64.05 प्रतिशत, मंडला में 67.09 प्रतिशत, बालाघाट में 70.42 प्रतिशत और छिंदवाड़ा में 77 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

कुल 108 उम्मीदवार मैदान में थे, जहां एक करोड़ पांच लाख 55 हजार 689 मतदाताओं को अपने मताधिकार का उपयोग करना था। मतदान के लिए कुल 13 हजार 491 मतदान केन्द्र बनाए गए थे।


राज्य में सीधी में हल्के-फुल्के विवाद हुए तो बालाघाट के निर्दलीय उम्मीदवार किशोर समरीते के वाहन को अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। आशंका है कि वाहन मे आग नक्सलियों ने लगाई है। इसके अलावा मंडला के चौरई गांव में लोगों ने पानी की समस्या को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया।

राज्य के तमाम मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की कतारें लगने लगी थीं। दिन चढ़ने के साथ मतदान का प्रतिशत बढ़ता गया।

दोपहर एक बजे से चार बजे तक तेज धूप के कारण मतदान की रफ्तार कुछ धीमी रही, मगर उसके बाद एक बार फिर मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें लगने लगीं।

छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में 70.49 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ मैदान में हैं।

छह संसदीय क्षेत्रों के चुनाव के लिए मैदान में मौजूद उम्मीदवारों में कांग्रेस के नकुलनाथ, विवेक तन्खा, अजय सिंह और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है।

मॉक पोल के दौरान गड़बडी सामने आने पर 56 कंट्रोल यूनिट, 57 बैलट यूनिट और 147 वीवीपैट बदले गए।

चुनाव आयोग द्वारा निर्वाचन ड्यूटी के दौरान मतदान कर्मियों की सुरक्षा, आपात चिकित्सा एवं सुरक्षित निकासी के लिए एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई थी। जबलपुर में एक एयर एम्बुलेंस तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए भारतीय वायुसेना के दो हेलीकाप्टर मंडला और बालाघाट जिलों में तैनात किए गए थे।

सभी छह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल की कुल 85 कंपनियां, राज्य सशस्त्र पुलिस बल की 38 कंपनियां तथा राज्य पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों सहित कुल 44 हजार 200 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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