मप्र में आयकर छापों से सियासत गरमाई

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 भोपाल, 7 अप्रैल (आईएएनएस)| आयकर विभाग की टीमों ने रविवार तड़के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी (विशेष ड्यूटी पर तैनात अधिकारी) प्रवीण कक्कड़ तथा अन्य लोगों के भोपाल और इंदौर स्थित निजी आवास और अन्य ठिकानों पर छापा पड़ने से राज्य की सियासत गरमा गई है।

 कांग्रेस जहां इसे भाजपा की बौखलाहट बता रही है, वहीं भाजपा इसे आयकर विभाग की नियमित कार्रवाई करार देते हुए कांग्रेस पर ‘तबादला उद्योग’ से वसूली गई रकम के सामने आने की बात कह रही है।


प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने आयकर विभाग के छापों को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर की गई आयकर विभाग की कार्रवाई तीन राज्यों में मिली करारी हार से उत्पन्न प्रधानमंत्री मोदी की बौखलाहट का नतीजा है और चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की छवि खराब करने और राजनीतिक दबाव बनाने का यह असफल प्रयास है।

शोभा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपने विरोधियों को दबाने की कोशिशों की शिकार अकेली कांग्रेस पार्टी नहीं है, पूरे देश में सभी विपक्षी दल ऐसी द्वेषपूर्ण कार्यवाहियों का शिकार हो रहे हैं। चाहे वह तेलुगू देशम पार्टी हो, तृणमूल कांग्रेस हो, डीएमके हो, कुमारस्वामी हों या कोई और, उन पर तानाशाह मोदी का कहर जारी है।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि ये छापे राजनीतिक द्वेष से नहीं मारे जा रहे हैं तो फिर अमित शाह, जय शाह, येदियुरप्पा, शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह के घर छापे क्यों नहीं मारे जा रहे हैं? उनके नाम तो कई बड़े भ्रष्टाचारों में सामने आए हैं। यही भाजपा का दोहरा चरित्र है, जिसको पूरा देश देख रहा है और आने वाले चुनाव में करारा जवाब देगा।


वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ओएसडी के घर मिली ट्रांसफर उद्योग की काली कमाई से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस चोर है और इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की चुप्पी बताती है कि वह चोरों के सरदार हैं।”

इसी तरह भाजपा के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आयकर के छापों में करोड़ रुपये मिलने पर तंज सकते हुए कहा, “कमलनाथ की घोषणा कि 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ, पर मैं लगातार गांव में किसानों के बीच जा रहा हूं तो पता चला कि किसी के खाते में भी दो लाख नहीं पहुंचे, नौजवानों का बेरोजगारी भत्ता रुपये 4000 भी उनको नहीं मिला, मैं अचंभित था कि आखिर यह सारा पैसा गया कहां, आज समझ आया कि आखिर पैसा जा कहां रहा था।”

राजधानी भोपाल, इंदौर सहित अन्य स्थानों पर मुख्यमंत्री के ओएसडी, एक गैर सरकारी संगठन के संचालक अश्विनी शर्मा के यहां आयकर विभाग ने रविवार को दबिश दी। इसके बाद सियासी हलचल बढ़ गई है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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