मप्र में किसान कर्जमाफी पर जारी है तकरार

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भोपाल, 23 सितंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार द्वारा की गई किसानों की कर्जमाफी को शिवराज सरकार द्वारा विधानसभा में स्वीकार किए जाने के दो दिन बाद सरकार की सफाई आई है। सरकार का कहना है कि ‘अधिकारियों ने गलत जानकारी दे दी’। कांग्रेस ने सफाई में दिए गए बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है।

राज्य की विधानसभा में सरकार की ओर से दो दिन पहले स्वीकार किया गया था कि कांग्रेस के शासनकाल की जय किसान कर्जमाफी योजना में लगभग 27 लाख किसानों के कर्जमाफी की स्वीकृति दी गई है। इस पर कांग्रेस के भाजपा को जमकर घेरा, क्योंकि भाजपा किसानों का कर्ज माफ न होने का आरोप लगाती रही है।


इस मामले के तूल पकड़ने पर सरकार की ओर से बुधवार को नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सफाई दी। उनका कहना है कि किसान कर्जमाफी को लेकर अधिकारियों ने गलत जानकारी दी थी, सरकार इसकी जांच करा रही है।

नगरीय प्रशासन मंत्री और सरकार की सफाई को पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने गैर-जिम्मेदाराना बयान करार दिया है। उनका कहना है कि विधानसभा संवैधानिक संस्था है, वहां बोले गए एक-एक शब्द का महत्व होता है। किसी सवाल का जवाब देने की प्रक्रिया है, सदन में जवाब शेष किए जाने से पहले मंत्री को ब्रीफिंग की जाती है। मंत्री खुद जवाब पर हस्ताक्षर करता है, उसके बाद सदन में उत्तर आता है। किसान कर्जमाफी के मामले में अधिकारी वही कह रहे हैं, जो सच्चाई है। सच्चाई है यह है कि किसानों का कर्ज माफ किया गया है।

–आईएएनएस


एसएनपी/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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